कोलकाता

ममता ने की उद्योगपतियों के सहयोग की अपील

शालबनी में सीमेन्ट कारखाने के उद्घाटन पर राज्य के लोगों से किया आग्रह

कोलकाताJan 15, 2018 / 11:48 pm

Prabha

शालबनी/कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों से उद्योगों के संचालन में सहयोग करने तथा उद्योगपतियों को अपने परिवार के सदस्य का दर्जा देने की अपील की। मुख्यमंत्री सोमवार को पश्चिम मिदनापुर के शालबनी में ८०० करोड़ की लागत से स्थापित जिंदल समूह के सीमेन्ट कारखाने के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि १५० एकड़ जमीन पर स्थापित सीमेन्ट कारखाने में फिलहाल २५० लोगों को रोजगार मिलेगा। २.४ लाख टन सीमेन्ट सालाना उत्पादन करने वाले इस प्लांट के स्थापित होने के लिए मुख्यमंत्री ने शालबनी के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लोगों से भविष्य में इसी तरह का सहयोग जारी रखने का अनुरोध किया। जिंदल समूह को अपने परिवार का सदस्य बताते हुए ममता ने कहा कि यदि हम उनका खयाल नहीं रखेंगे तो राज्य में उद्योग कैसे बढ़ेगा। उन्होंने जिन्दल समूह को हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया। जेएसडब्ल्यू समूह की उद्योग विस्तार योजना साबित करता है कि राज्य में उद्योग हितैषी माहौल तैयार हो गया है। रोजगार के अवसर भी दिन ब दिन बढ़ रहे हैं। राज्य के प्रति अवधारणा बदली-मुख्यमंंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रति आम धारणा यह थी कि यहां कुछ नहीं हो रहा है। लेकिन जिन्दल के सीमेन्ट प्लांट के उद्घाटन के बाद राज्य के प्रति अवधारणा बदल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट से पहले सीमेन्ट प्लांट का उद्घाटन सकारात्मक संदेश दे रहा है।वर्ष २०२० तक २० लाख टन करने का लक्ष्य जिंदल समूह के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने कहा कि शालबनी में समूह का सबसे बड़ा सीमेन्ट प्लांट स्थापित होने से यह साबित हो गया है कि बंगाल उद्योग लगाने का उपयुक्त राज्य है। जिंदल ने राज्य में अपना कारोबार और बढ़ाने तथा सीमेन्ट कारखाने की उत्पादन क्षमता २.४ लाख टन से बढ़ा कर ३.६ लाख टन करने का भरोसा दिया। उनके अनुसार २०२० तक इसकी क्षमता २० लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष २००८ में माओवादियों ने किया था विस्फोटवर्ष २००८ में जिंदल समूह ने शालबनी के जामबेदिया में ५००० एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। २ नवम्बर २००८ के दिन कारखाने का शिलान्यास कर लौटने के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के काफिले को निशाना बनाकर माओवादियों ने लैंड माइन विस्फोट किया गया था। उक्त घटना में बुद्धदेव सहित तत्कालीन तीन अन्य केंद्रीय मंत्री बाल बाल बच गए थे। (कासं.)
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