राफेल भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ा तेवर दिखाया है। केंद्र सरकार के खिलाफ देश व्यापी आंदोलन के तहत पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ता 25 अगस्त को सडक़ों पर उतर जोरदार आंदोलन में शामिल होंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राफेल के मुद्दे पर पार्टी कार्यकर्ता 25 अगस्त से 9 सितम्बर तक कोलकाता सहित जिलों में जनसभा और कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस की ओर से एक ज्ञापन राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को सौंपा जाएगा।
मन्नान ने आरोप लगाया कि राफेल मामले में प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने देशवासियों से यह कहा था कि ना खाउंगा और ना खाने दूंगा। उन्होंने खुद को चौकीदार कहा था पर असल में वे भ्रष्टाचार में हिस्सेदार बन गए। कांग्रेस पार्टी इस मामले में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाई है। इसके तहत पश्चिम बंगाल में भी पार्टी कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल होंगे।
—————-
—————-
धावक मिल्खा की तस्वीर वाली पुस्तक पर डेरेक की प्रतिक्रिया
-कहा, पश्चिम बंगाल सरकार ने नहीं किया पुस्तक का प्रकाशन
कोलकाता. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह की पुस्तक पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मिल्खा के स्थान पर अभिनेता फरहान अख्तर की तस्वीर प्रकाशित करने वाली पुस्तक ना तो सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल है और ना ही उसका प्रकाशन पश्चिम बंगाल सरकार ने किया है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार के बांग्ला माध्यम वाले स्कूलों के लिए छपी एक पुस्तक में चर्चित ओलम्पियन धावक मिल्खा सिंह से संबंधित एक अध्याय में उनकी जगह फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ में मिल्खा का किरदार निभाने वाले अभिनेता फरहान अख्तर की तस्वीर छप गई है। खुद अभिनेता ने सोमवार को ट्वीटर के माध्यम राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. पार्थ चटर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन का ध्यान इस गलती की ओर आकर्षित किया था। डेरेक ने अख्तर को आश्वस्त किया कि स्कूल के पाठ्य पुस्तक के लिए किताब का मुद्रण करने वाले निजी प्रकाशक का पता लगाया जा रहा है। तृणमूल सांसद डेरेक ने मंगलवार को सोशल नेटवर्क ट्वीटर पर लिखा कि मिल्खा सिंह की गलत तस्वीर की ओर ध्यान दिलाने के लिए वह फरहान का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने इस संदर्भ में राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. पार्थ चटर्जी से जानकारी ली है। चटर्जी के हवाले से डेरेक ने बताया कि यह सरकारी स्कूलों की पाठ्य पुस्तक नहीं है और ना ही इसका प्रकाशन राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने की है।