शुक्रवार दोपहर बाद फिर पत्रिका ने इस हेल्थ सेन्टर का ग्राउंड निरीक्षण किया । केएमसी के इस प्राइमरी हेल्थ सेन्टर भवन मे सन्नाटा पसरा हुआ था और गेट पर ताले लटके हुए थे । सवाल यह उत्पन्न होता है कि क्या महज लाकङाऊन कर कोरोना से जन्ग जीती जा सकती? ?? जबकि कङवी हकीकत यह है कि जब तक उच्च स्तरीय मेडिकल चिकित्सा व्यवस्था नही की जाएंगी तब तक ईश्वर के भरोसे किसी भी महामारी को मात देने का दावा करना मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने के समान है ।