scriptबंगाल में कोरोना से मारे गए व्यक्ति के अंतिम संस्कार में बवाल | West Bengal Corona: first victim last ritual creats panic in kolkata | Patrika News

बंगाल में कोरोना से मारे गए व्यक्ति के अंतिम संस्कार में बवाल

locationकोलकाताPublished: Mar 24, 2020 02:54:42 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

कोरोना संक्रमण से बंगाल (west Bengal) में मारे गए पहले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में जम कर बवाल हुआ। श्मशान घाट में पुलिस के बल प्रयोग के बाद ही मृतक का अंतिम संस्कार हो पाया।

बंगाल में कोरोना से मारे गए व्यक्ति के अंतिम संस्कार में बवाल

बंगाल में कोरोना से मारे गए व्यक्ति के अंतिम संस्कार में बवाल

कोलकाता. कोरोना संक्रमण से पीडि़त होकर बंगाल में मारे गए पहले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में जम कर बवाल हुआ। महानगर कोलकाता के नीमतल्ला श्मशान घाट पर सोमवार की रात पुलिस के बल प्रयोग के बाद ही मृतक का दाह संस्कार किया जा सका। स्थानीय लोगों के घंटों चले विरोध के कारण पूरे इलाके में अफरातफरी मची रही। पुलिस बल को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए खासी मशक् कत करनी पड़ी। मृतक के परिजनों की गैरमौजूदगी में प्रशासन ने सभी तरह की सुरक्षा व्यवस्था व ऐहितायात बरत कर अंतिम संस्कार किया।
इससे पहले जैसे ही दमदम निवासी 57 वर्षीय कोरोना पीडि़त का शव श्मशान घाट में पहुंचने की खबर मिली। स्थानीय लोग सडक़ों पर उतर आए। शव के अन्यत्र दाह संस्कार करने की मांग करने लगे। घंटों तक शव श्मशान घाट के सामने शववाही गाड़ी में ही रखा रहा। शव के साथ आए प्रशासनिक कर्मचारी कशमकश में देखे गए। बाद में बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति नियंत्रित की।
बंगाल में कोरोना से मारे गए व्यक्ति के अंतिम संस्कार में बवाल
मृत्यु प्रमाणपत्र लेने भी नहीं आ रहे थे परिजन

बताया जाता है कि मृतक का मृत्यु प्रमाणपत्र लेने के लिए कोई परिजन आगे नहीं आ रहा था। उनके तीन निकट परिजन क्वारंटाइन में हैं। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मृतक की पत्नी जो एमआर बांगुर अस्पताल में भर्ती है उनसे सहमति पत्र पर दस्तखत कराए। तब जाकर शव अस्पताल से बाहर लाया गया। शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए कोई भी शव वाही वाहन तैयार नहीं था। आखिर में विधाननगर नगर निगम ने वाहन भेजा। इधर घटना की जानकारी मिलते ही श्मशान घाट इलाके में हडक़ंप मच गया। लोग विरोध करने लगे।
16 मार्च को कराया गया था भर्ती
कोरोना से मारे गए बंगाल के पहले व्यक्ति को 16 मार्च को सर्दी खांसी बुखार की शिकायत पर साल्टलेक के एएमआरआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक रेलवे कर्मचारी बताया जा रहा है। वे अपनी पत् नी के साथ मार्च के आखिरी हफ्ते में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर गए थे। लौटने के बाद उन्होंने कार्यालय ज्वाइन किया था। उनकी पत्नी और सास सरकारी अस्पताल के आइशोलेशन वार्ड में हैं।
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