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CORONA EFFECT: मारवाड़ी समाज को रिस्क मैनेजमेंट में हासिल है महारत

locationकोलकाताPublished: May 18, 2020 05:19:59 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री मेघवाल ने कोरोना के दौरान मारवाड़ी समाज के सेवा कार्यों को सराहा, कहा मारवाड़ी समाज के लिए नहीं हो सकती कोई समस्या बड़ी , लॉकडाउन के बाद का जीवन पर वीडियो कांफ्रेंस मीटिंग , अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन का आयोजन

CORONA EFFECT:     मारवाड़ी समाज को रिस्क मैनेजमेंट में हासिल है महारत

CORONA EFFECT: मारवाड़ी समाज को रिस्क मैनेजमेंट में हासिल है महारत

BENGAL CORONA NEWS: कोलकाता. मारवाड़ी समाज को तालाबंदी से डरने की जरूरत नहीं क्योंकि रिस्क मैनेजमेंट में इस समाज को महारत हासिल है। मारवाड़ी समाज हमेशा से सेवा कार्य में अग्रणी रहता है। मारवाड़ी समाज के लिए कोई भी समस्या बड़ी नहीं हो सकती। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से लॉकडाउन के बाद का जीवन विषय पर नई दिल्ली में 17 मई को आयोजित वीडियो कांफ्रेंस मीटिंग में केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने यह बेबाक टिप्पणी की। इसमें सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सर्राफ, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम शर्मा, रामावतार पोद्दार, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, उपाध्यक्षों में गोवर्धन गाडोदिया, पवन गोयनका, अनिल जाजोदिया, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कैलाशपति तोदी, राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री दामोदर बिदावतका, संगठन विस्तार संयोजक बसंत मित्तल, पूर्व प्रां अध्यक्ष राज कुमार मिश्रा -दिल्ली, 16 राज्यों के अध्यक्ष एवं महामंत्री, नेपाल के पूर्व सांसद एवं मारवाड़ी समाज के प्रतिनिधि विमल केडिया समेत अन्य अतिथि उपस्थित थे। संचालन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन गोयनका ने किया। मेघवाल ने अपने सम्बोधन में सभा के आयोजन के लिए मारवाड़ी सम्मेलन को बधाई एवं शुभकामना दी। कोरोना महामीरी के दौरान समाज के सेवा कार्यों के लिए उन्होंने समाज की सराहना। लॉकडाउन के बाद के जीवन के बारे में उन्होंने कहा कि मारवाड़ी समाज को डरने की जरूरत नहीं है। यह समाज छोटे-छोटे गावों से निकल कर दुनिया के कोने-कोने में सफलता पूर्वक स्थापित हो चुका है। बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान खोजने एवं खतरा मोल लेने में मारवाड़ी समाज सक्षम है। उन्होंने कहा कि कोरोना त्राशदी से निपटने के बाद देश के व्यापारी वर्ग के लिए बहुत अच्छी संभावनाएं भी हैं क्योंकि विश्व में आने वाले समय में व्यापार का नजरिया बदलने वाला है। अगर अभी से हमलोग सोच समझकर मेहनत करें तो नई सोच एवं विचारों के साथ, नई इंडस्ट्री नया व्यापार स्थापित कर सकते हैं जो आगे चलकर देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचा सकता है एवं देश को आत्मनिर्भर बना सकता है। जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम सम्बोधन में कहा था। उन्होंने आश्वासन दिया कि समाज का कभी भी कोई कार्य हो मैं हमेशा आपके साथ हूं।

फिजूलखर्च बंद कर सादगीपूर्ण जीवन पर जोर
राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सर्राफ ने स्वागत करते हुए सम्मेलन के इतिहास, उदेश्यों एवं कार्यक्रमों के बारे में बताया। राजकुमार मिश्रा ने मेघवाल के जीवन का परिचय कराया। राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि आने वाले समय में फिजूलखर्च बंद कर सादगीपूर्ण जीवन अपनाना चाहिए। विमल केडिया, नेपाल ने कहा कि मीटिंग मे उपस्थित रह कर उन्हें बहुत अच्छा लगा। वे प्रयास करेंगे कि नेपाल-भारत के मारवाड़ी समाज मिलकर काम करें। उपस्थित सभी राज्यों के अध्यक्ष/महामंत्री ने विचार व्यक्त किए। गोवर्धन गाडोदिया ने कहा कि तालाबंदी के कारण गंगा की सफाई हुई है। उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि इस तरह प्लानिंग की जानी चाहिए कि आगे से नदियों का दोहन तो हो पर शोषण न हो जिससे नदियां गन्दा न हो पाएं। मीटिंग के आयोजन एवं संचालन में सहयोग के लिए पवन गोयनका ने लक्ष्मीपत भूतोडिया, राजकुमार मिश्रा एवं दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन को विशेष धन्यवाद दिया।
अनेक राज्यों से आए अध्यक्ष
देश के अनेक राज्यों से आये अध्यक्षों में श्याम सुन्दर अग्रवाल- केरल, डॉ. सुभाष अग्रवाल-कर्नाटक, गोकुलचंद बजाज- गुजरात, अशोक मूंधड़ा -तमिलनाडु, रमेश बंग- तेलंगाना, गोविन्द अग्रवाल -उत्कल, ओम प्रकाश अग्रवाल -झारखण्ड, विनोद तोदी- बिहार, पुरुषोत्तम सिंघानिया -छत्तीसगढ़, नन्द किशोर अग्रवाल-पश्चिम बंगाल, मधुसूदन सीकरिया-पूर्वोत्तर, संतोष खेतान-उत्तराखण्ड, उमाशंकर अग्रवाल – उत्तरप्रदेश, लक्ष्मीपत भूतोडिया दिल्ली। प्रांतीय महामंत्री में महेश जालान- बिहार, अमर बंसल -छत्तीसगढ़, बसंत पोद्दार – दिल्ली, राहुल अग्रवाल-गुजरात, पवन शर्मा-झारखण्ड, ओमप्रकाश पोद्दार-कर्नाटक, राज कुमार तिवारी- पूर्वोत्तर, अशोक केडिया-तेलंगाना, जयदयाल अग्रवाल-उत्कल, संजय जाजोदिया-उत्तराखण्ड, लक्ष्मी चंद खेमका (अध्यक्ष) एवं विजय मुरारका (मंत्री ) -सतना, सुरेश पोद्दार, ओम प्रकाश अग्रवाल- गणगौर शाखा, जय किशन बजाज-बेंगलुरू आदि मौजूद रहे।
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