CORONA EFFECT ON DURGA-PUJA-कोरोना ने लगाया दुर्गापूजा पर ग्रहण
कोलकाताPublished: Sep 08, 2020 06:39:17 pm
BENGAL DURGA-PUJA-गंभीर आर्थिक संकट, कमेटियों को नहीं मिल रहे कार्पोरेट स्पांसर, अधिकांश कमेटियों को पूजा बजट 50 फीसदी से भी करना पड़ा कम
CORONA EFFECT ON DURGA-PUJA-कोरोना ने लगाया दुर्गापूजा पर ग्रहण
CORONA EFFECT ON BENGAL PUJA –कोलकाता। अन्य पर्व-त्योहारों की ही तरह अब कोविड-19 का ग्रहण कोलकाता की विश्वविख्यात दुर्गापूजा पर पड़ा है। गंभीर आर्थिक संकट मंडरा रहा। पूजा कमेटियों को कार्पोरेट स्पांसर नहीं मिल रहे। बड़ी कमेटियों को ज्यादा परेशानी हो रही क्योंकि पूजा आयोजन का एक बड़ा खर्च कार्पोरेट स्पांसरशिप से होता है। वर्षों से स्पांसरशिप प्रदान करतीं आ रहीं कंपनियों ने इस साल कोरोना के कारण कारोबार मंदा होने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए। जिससे अधिकांश कमेटियों को अपना पूजा बजट 50 प्रतिशत से भी कम करना पड़ा है। कई पूजा कमेटियां पिछले साल की बची धनराशि से पूजा कर रही हैं। इस साल घर-घर जाकर चंदा मांगने से भी ज्यादा रुपये जमा होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि लॉकडाउन में लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। पूजा कमेटियों के पदाधिकारियों और सदस्यों को जेब से ज्यादा रुपये लगाने पड़ सकते हैं। कोलकाता के बड़े दुर्गापूजा आयोजकों में शुमार संतोषपुर लेकपल्ली के महासचिव सोमनाथ दास का कहना है कि इस साल कार्पोरेट स्पांसरशिप की हालत खराब है। हर साल होर्डिंग-बैनर के रूप में विज्ञापन देने वालीं कंपनियां इस बार खामोश हैं। हमारी पूजा का 80 प्रतिशत खर्च कार्पोरेट स्पांसरशिप से पूरा होता है। पर कोरोना काल में 30 प्रतिशत कार्पोरेट स्पांसरशिप की ही उम्मीद हैं। पिछले साल की तुलना में पूजा बजट आधा करना पड़ा है। हावड़ा के दुर्गापूजा आयोजक अग्रदूत, सलकिया के कोषाध्यक्ष सब्यसाची राय ने कहा कि कार्पोरेट स्पांसरशिप अभी तक जीरो है। कंपनियां इस साल पैसा खर्च करना नहीं चाह रहीं। लोग पूजा का चंदा देने को लेकर भी उदासीन हैं। पूजा बजट का 25 प्रतिशत कार्पोरेट स्पांसरशिप से आता है। पिछले साल पूजा बजट 8 लाख था जिसे इस साल 1 लाख करना पड़ गया। हर साल कार्पोरेट स्पांसरशिप से 2 से २.५ लाख मिलते थे। पूजा कमेटियों के संगठन फोरम फार दुर्गोत्सव के सचिव शाश्वत बोस ने कहा कि एक महीने पहले तक जिस तरह के हालात थे अभी वैसे नहीं हैं। उम्मीद है कि 100 प्रतिशत न होने पर भी 70 तक कॉर्पोरेट स्पांसरशिप मिल जाएगी। बहुत सारी कंपनियां भी स्पांसरशिप के लिए संपर्क कर रही हैं, जो सैनेटाइजर और मास्क तैयार करती हैं।