BENGAL DURGA PUJA CORONA EFFECT—कोरोना से थम गई सदियों की परम्परा
कोलकाताPublished: Sep 19, 2020 07:15:12 pm
दर्जनों दुर्गा प्रतिमाएं अपूर्ण, नहीं हुआ चक्षुदान, कुमारटुली में इस बार सबकुछ फीका रहा है। यहां ऐसी दर्जनों प्रतिमाएं जिन पर काम अधूरा
BENGAL DURGA PUJA CORONA EFFECT—कोरोना से थम गई सदियों की परम्परा
WEST BENGAL CORONA EFFECT-कोलकाता. कोविड19 के कारण इस बार सदियों पुरानी परम्परा थम गई। कुमारटुली में सालों से महालया पे दुर्गा की आंखें बनाई जाती थी।जिसे चक्षुदान कहा जाता है। यह प्रतिमा निर्माण की प्रक्रिया का आखिरी चरण होता है। इस बार कुमारटुली में लेकिन इस बार सबकुछ फीका रहा है। यहां ऐसी दर्जनों प्रतिमाएं जिन पर काम अधूरा है। कुछ अभी तक बांस का ढांचा ही बनाकर छोड़े हुए हैं।सदियों से चली आ रही पुरानी परंपरा थम सी गई है।हर साल दुर्गा पूजा पर तमाम पूजा कमेटियों की ओर से प्रतिमाओं के निर्माण के लिए यहां के कारीगरों को ऑर्डर मिलते थे। कोरोना के चलतेकई पूजा आयोजकों ने प्रतिमाओं की बुकिंग नहीं की।कारीगरों का कहना है कि बुकिंग और एडवांस पेमेंट के बिना वे समय पर मूर्ति बनाने का काम कैसे निपटा सकेंगे। कारीगर चाइना पाल ने कहा किइस साल महालया पर चक्षुदान की परंपरा का पालन नहीं किया जा सका।क्योंकि ज्यादातर प्रतिमाएं अभी तक बनी ही नहीं। कई पूजा आयोजकों ने प्रतिमाओं की बुकिंग नहीं की पैसे नहीं मिले हैं।आयोजकों की तरफ से पूजा बजट को सीमित रखा गया है।कुमारटुली के अनेक मूर्तिकारों के अनुसार अब तक केवल उन्हीं प्रतिमाओं पर काम पूरा कर लिया जिन्हें या तो देश के किसी अन्य हिस्से में भेजा जाना है या जो फाइबर की बनी है। बाकियों पर काम बाकी है। आयोजकों की तरफ से पूजा के बजट को सीमित रहने सेकारीगरों को भी मूर्तियों की कीमत, आकार और वजन तोलमोल कर करनी पड़ रही।