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WEST BENGAL DURGA-PUJA-चलताबागान दुर्गा पूजा की दुर्गा पर बनी लघु फिल्म दशभुजा

locationकोलकाताPublished: Oct 21, 2020 02:23:12 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

कला व फिल्म जगत के लोगों को लुभा रही, दुर्गा के 10 हाथों में 10 अस्त्रों रेखांकित करते हुए इसके गहरे आध्यात्मिक संदेश को उभारती है मानिकतला चलताबागान लोहापट्टी दुर्गा पूजा कमेटी की बनाई गई लघु फिल् ‘दशभुजा’

WEST BENGAL DURGA-PUJA-चलताबागान दुर्गा पूजा की दुर्गा पर बनी लघु फिल्म दशभुजा

WEST BENGAL DURGA-PUJA-चलताबागान दुर्गा पूजा की दुर्गा पर बनी लघु फिल्म दशभुजा

KOLKATA DURGA-PUJA-कोलकाता। मानिकतला चलताबागान लोहापट्टी दुर्गा पूजा कमेटी की बनाई गई लघु फिल् ‘दशभुजा’ जो मां दुर्गा के 10 हाथों में 10 अस्त्रों रेखांकित करते हुए इसके गहरे आध्यात्मिक संदेश को उभारती है। कला और फिल्म जगत के लोगों को अपनी ओर खींच रही है। इस फिल्म का प्रीमियर बांग्ला और हिंदी में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए आइटीसी रॉयल में हुआ। इस लघु फिल्म की अवधारणा और इसका निर्माण सांस्कृतिक जगत से जुड़े संदीप भुतोड़िया ने किया है। जो 78 वर्ष पुरानी और अपने ढाक और सिंदूर खेला के लिए विख्यात मानिकतला चलताबागान लोहापट्टी दुर्गा पूजा के चेयरमैन भी हैं। फिल्म का निर्देशन अरिंदम सील ने और विशिष्ट तबला वादक विक्रम घोष ने इसमें संगीत दिया है। फिल्म के एक हिस्से में ग्रैमी अवार्ड विजेता और पद्मभूषण से सम्मानित पंडित विश्व मोहन भट्ट ने राग दुर्गा गाया है। डॉ सोनल मानसिंह ने संस्कृत श्लोक का पाठ किया है। उषा उत्थुप, ईमन चक्रवर्ती और सोमचंदा भट्टाचार्य ने इस लघु फिल्म को अपनी आवाज दी है इसकी स्क्रिप्ट सुगत गुहा ने लिखी है और कोरियोग्राफी अर्णव बंद्योपाध्याय ने किया है। अयन शील ने फोटोग्राफी के निर्देशक के तौर पर अपना योगदान दिया है। शूटिंग सॉल्टलेक में ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर(ईजेडसीसी) कोलकाता में हुई। नुसरत जहां और ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने कहानी के कथावाचक के तौर पर अपनी आवाज दी है। हिंदी संस्करण के लिए डॉ सोनल मानसिंह ने कथावाचक की भूमिका की है। मानिकतला चलताबागान लोहापट्टी दुर्गा पूजा कमेटी के चेयरमैन संदीप भुतोड़िया ने कहा कि चलताबागा दुर्गा पूजा महानगर में वह पहली पूजा है जिसने ढाक उत्सव और सिंदूरखेला को बतौर विशेष कार्यक्रम लोकप्रिय बनाया है। और इसमें मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राजनयिक, फिल्मी हस्तियां, कलाकार, उद्योगपति, पुस्तक प्रेमी, लोक व सासंकृतिक कलाकार जैसे विशिष्ट लोग भी पहुंचे हैं। इस वर्ष ढाक और सिंदूरखेला का आयोजन कोविड की स्थिति के कारण नहीं कर रहे। इसलिए हमने कुछ नया करने की सोची जिससे हम बंगाल के सर्वाधिक लोकप्रिय उत्सव के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं को भारत और विदेश में अपने भागीदारों, संगठनों और अन्य सांस्कृतिक संगठनों के सामने पेश कर सकें। यह फिल्म दस अस्त्रों के इर्द-गिर्द घूमती है जिन्हें देवताओं ने मां दुर्गा को दिया था।दुर्गा के 10 अस्त्रों के प्रतीक के तौर पर प्रस्तुति देने वाली महिलाओं में अनन्या चटर्जी, ब्रतती बंद्योपाध्याय, देवलीना कुमार, जया सील घोष, जून मालिया, कोनीनिका बनर्जी, डॉ नंदिनी भौमिक, प्री नीति पटेल, पौलमी दास, सौरासेनी मैत्रा, शिंजिनी कुलकर्णी और सौमिली विश्वास शामिल हैं।

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