SHARAD-PURNIMA-शरद पूर्णिमा पर आज आसमान से बरसेगा अमृत
कोलकाताPublished: Oct 29, 2020 09:41:03 pm
खुले आसमान में रखी खीर खाने का रिवाज
SHARAD-PURNIMA-शरद पूर्णिमा पर आज आसमान से बरसेगा अमृत
BENGAL NEWS-कोलकाता। कोविड-19 काल में शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 30 अक्टूबर को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा को कौमुदी उत्सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागिरी पूर्णिमा एवं कमला पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा पर महिलाएं व्रत रखकर रात को खीर बनाकर खुले आसमान में रखती हैं। इस पूर्णिमा की रात 12 बजे के बाद खुले आसमान में रखी खीर को खाने का रिवाज है। इसे प्रसाद समझकर घर के सभी सदस्यों को खिलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन रात में आसमान से अमृत बरसता है इसीलिए बाहर खीर को रखा जाता है ताकि इसमें अमृत गिरे। ज्योतिष वास्तु विशेषज्ञ पंडित मनोज शाी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करता है। ऐसा माना जाता है कि इस खीर का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। रातभर चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का धार्मिक के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का वैज्ञानिक महत्व ये है कि खीर दूध और चावल से बनकर तैयार होती है। दूध में लैक्टिक नामक अम्ल पाया जाता है जो चंद्रमा की किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। साथ ही चावल में स्टार्च पाया जाता है जिस वजह से ये प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है। वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार भी इस खीर का सेवन फायदेमंद होता है। धार्मिक ग्रंथों में हर पर्व के पीछे वैज्ञानिक कारण है।दमा के मरीजों, दिल के मरीजों के लिए यह खीर काफी फायदेमंद है। शरद पूर्णिमा की रात खीर का सेवन करने से स्किन संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं।