WEST BENGAL---बंगाल में 200 के आसपास नहीं, बल्कि 200 प्लस सीट आएगी--शेखावत
पत्रिका से खास इंटरव्यू में बेबाक बोले केंद्रीय मंत्री शेखावत, अनेक सवालों के जवाब में कहा, बंगाल में भय, भूख, भ्रष्टाचार की राजनीति, हर हफ्ते बंगाल में ही हूं, चुनाव होने तक रहूंगा

BENGAL NEWS-कोलकाता (शिशिर शरण राही)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा 200 के आसपास नहीं, बल्कि 200 प्लस सीट के साथ आगे रहेगी। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पत्रिका से खास इंटरव्यू में अनेक सवालों के जवाब में यह बेबाक टिप्पणी की। बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय की ओर से आयोजित 35वें विवेकानंद सेवा सम्मान समारोह शुरू होने से पहले रविवार को शेखावत ने पत्रिका से कुछ देर बात की। शेखावत ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से लेकर किसान आंदोलन समेत चुनाव से पहले बंगाल में बाहरी बनाम बंगाली जैसे कई मसलों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वे कोलकाता में हर हफ्ते हैं। प्रदेश के 6 जिलों के प्रभारी के रूप में बंगाल दौरे पर आए शेखावत ने कहा कि चुनाव होने तक वे रहेंगे। बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान संभावित हिंसा-प्रतिहिंसा के सवाल पर कहा कि अशांति फैलाने के सारे नापाक प्रयास इस बार नाकाम होंगे। चुनाव आयोग इसके लिए पूरी तरह तैयार है। इस बार बंगाल में चुनाव बगैर किसी हिंसा के भयमुक्त होगा। उन्होंने कहा कि बंगाल में भय, भूख, भ्रष्टाचार की राजनीति है। बंगाल में बाहरी और बंगाली विवाद पर कहा कि प्रदेश की जनता ने अब मानस बना लिया है। अहंकार तो रावण और अंग्रेजों का भी नहीं रहा। देश की जनता ने जब मानस बनाकर 1942 में अंग्रजों भारत छोड़ो आंदोलन का शंखनाद किया तो फिरंगियों को भी राजपाट छोड़ जाना पड़ा। उन्होंने भाजपा को केवल शहरी पार्टी कहे जाने को खारिज करते हुए कहा कि अभी हाल ही राजस्थान में हुए पंचायती निकाय चुनावों में भाजपा ने परचम लहराया। जबकि वहां कांग्रेस सरकार है। शेखावत ने कहा कि हम शहर-गांव, भाषा-जाति-धर्म, पूर्व-पश्चिम में कोई भेद नहीं करते।
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किसान आंदोलन राजनीति से प्रेरित
ेनए कृषि कानून के खिलाफ पिछले महीने भर से अधिक समय से जारी किसान आंदोलन पर उन्होंने कहा कि यह पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित है। अपने तुच्छ राजनीतिक हितों को साधने के लिए किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चलाई जा रही। यह पहली बार हुआ कि देश में कृषि की तरफ नजरिया बदला है। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक देशों में शुमार है। कॉटन, मिल्क, पॉल्ट्री जैसे कई उत्पादों के मामले में भारत सबसे बड़ा उत्पादक देश है। कृषि कानून श्रृंखलाबद्ध रिफॉम्र्स पर आधारित है और सबसे ज्यादा हास्यास्पद स्थिति यह है कि जब सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया तो इसका विरोध होने लगा। जबकि अबतक कृषि संबंधी मामलों में इस रिपोर्ट को लागू करने पर जोर दिया जाता था। उन्होंने किसी राजनीतिक जल का नाम लिए बगैर कहा कि जिनका राजनीतिक जनाधार समाप्त हो गया वे दल इसका विरोध कर रहे।
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