सालों से चल रहा खेल
बीरभूम के मनरेगा मजदूर और दुर्गापूजा के समय कोलकाता आकर ढाक बजाने वाले मनोज बाउड़ी के मुताबिक कटमनी का खेल सालों से चला आ रहा है। ग्रामीण बंगाल में कोई भी विकास योजना बिना मु_ी गरम किए नहीं संचालित होती है। उनका और उनके मोहल्ले के ज्यादातर लोगों के जॉब कार्ड और पोस्ट ऑफिस का खाता स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि के पास है। मेहनत, मजदूरी हम करते हैं और पैसा निकालने पंचायत प्रतिनिधि जाता है। उसने ज्यादातर लोगों से पैसा निकालने वाला फार्म हस्ताक्षरित करा कर अथवा अंगूठा लगाकर रखवा लिया है। हमारी मजदूरी का पैसे में से वह कुछ हिस्सा अपने पास रखता है। बंगाल में राजनीतिक परिवर्तन की सुगबुगाहट के बाद इस काले कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ा है यह पूछने पर बाउड़ी बताता है कि अब लोग अपने जॉब कार्ड मांग रहे हैं। हिसाब किताब कर रहे हैं। उनके पड़ोस के गांव में लोगों ने जनप्रतिनिधि का घेराव भी किया था। धुआं निकलना शुरू हो गया है। आग भडक़ रही है।
बीरभूम के मनरेगा मजदूर और दुर्गापूजा के समय कोलकाता आकर ढाक बजाने वाले मनोज बाउड़ी के मुताबिक कटमनी का खेल सालों से चला आ रहा है। ग्रामीण बंगाल में कोई भी विकास योजना बिना मु_ी गरम किए नहीं संचालित होती है। उनका और उनके मोहल्ले के ज्यादातर लोगों के जॉब कार्ड और पोस्ट ऑफिस का खाता स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि के पास है। मेहनत, मजदूरी हम करते हैं और पैसा निकालने पंचायत प्रतिनिधि जाता है। उसने ज्यादातर लोगों से पैसा निकालने वाला फार्म हस्ताक्षरित करा कर अथवा अंगूठा लगाकर रखवा लिया है। हमारी मजदूरी का पैसे में से वह कुछ हिस्सा अपने पास रखता है। बंगाल में राजनीतिक परिवर्तन की सुगबुगाहट के बाद इस काले कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ा है यह पूछने पर बाउड़ी बताता है कि अब लोग अपने जॉब कार्ड मांग रहे हैं। हिसाब किताब कर रहे हैं। उनके पड़ोस के गांव में लोगों ने जनप्रतिनिधि का घेराव भी किया था। धुआं निकलना शुरू हो गया है। आग भडक़ रही है।
30 प्रतिशत तक ले लेते हैं
अब बात करते हैं पूर्व मिदनापुर की। जहां सर्पदंश की घटनाओ ंसे होने वाली मौत को लेकर मुआवजे के बहुत से मामले सामने आते हैं वहां की स्थिति भी कटमनी को लेकर अलग नहीं है। महानगर कोलकाता में ऑटो गैरेज मैकेनिक गोपाल बेरा ने बताया कि उनके जीजा का देहांत सर्पदंश से हुआ था। बड़ी मुश्किल से दौड़भाग कर सारे कागजात जुटाए। लेकिर जब सहायता राशि आई तो पंचायत प्रतिनिधि ने कुल राशि का ३० प्रतिशत खुद रख लिया। विधवा विकलांग बहन को कुछ पैसे मिले। मेरे लिए इस पूरे सिस्टम से लड़ाई संभव नहीं थी। बार बार कलक्टरेट, बीडीओ कार्यालय का चक् कर नहीं काट सकता था। लालची जनप्रतिनिधियों ने आर्थिक सहायता दिलाई और अपना अघोषित हिस्सा ले लिया।
अब बात करते हैं पूर्व मिदनापुर की। जहां सर्पदंश की घटनाओ ंसे होने वाली मौत को लेकर मुआवजे के बहुत से मामले सामने आते हैं वहां की स्थिति भी कटमनी को लेकर अलग नहीं है। महानगर कोलकाता में ऑटो गैरेज मैकेनिक गोपाल बेरा ने बताया कि उनके जीजा का देहांत सर्पदंश से हुआ था। बड़ी मुश्किल से दौड़भाग कर सारे कागजात जुटाए। लेकिर जब सहायता राशि आई तो पंचायत प्रतिनिधि ने कुल राशि का ३० प्रतिशत खुद रख लिया। विधवा विकलांग बहन को कुछ पैसे मिले। मेरे लिए इस पूरे सिस्टम से लड़ाई संभव नहीं थी। बार बार कलक्टरेट, बीडीओ कार्यालय का चक् कर नहीं काट सकता था। लालची जनप्रतिनिधियों ने आर्थिक सहायता दिलाई और अपना अघोषित हिस्सा ले लिया।
भ्रष्टाचार भी फैला
यह तो पिछड़े जिलों का हाल था। अब बात करें अपेक्षाकृत सम्पन्न ग्रामीण इलाकों वाले नदिया और उत्तर २४ परगना जिले की। यहां कटमनी का स्वरूप आंशिक रूप से बदल जाता है। नोहट्टा निवासी टोटन विश्वास के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से दो से 10 हजार रुपए वसूलना जनप्रतिनिधियों के लिए सामान्य बात है। इसके अलावा मनरेगा के क्रियान्वयन में यहां सरकारी राशि को बड़े पैमाने पर खुर्द बुर्द किया जाता है। इसे ऐसे समझिए तालाब निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाया 500 रोजगार का। काम पूरा कराया ३ सौ रोजगार से, बाकी के 2 सौ रोजगार की राशि जनप्रतिनिधि और जॉब कार्ड स्वामी ने बांट ली। इसमें जॉब कार्ड स्वामी को 10 से 20 प्रतिशत और बाकी राशि पंचायत प्रतिनिधि के पास गई। इस मॉडल पर नदिया और उत्तर 24 परगना के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि डकारी जा रही है। राज्य और केन्द्र सरकार यदि लोककल्याणकारी योजनाओं का ठीक से ऑडिट करे तो भ्रष्टाचार का पूरा नेटवर्क सामने आ जाएगा।
यह तो पिछड़े जिलों का हाल था। अब बात करें अपेक्षाकृत सम्पन्न ग्रामीण इलाकों वाले नदिया और उत्तर २४ परगना जिले की। यहां कटमनी का स्वरूप आंशिक रूप से बदल जाता है। नोहट्टा निवासी टोटन विश्वास के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से दो से 10 हजार रुपए वसूलना जनप्रतिनिधियों के लिए सामान्य बात है। इसके अलावा मनरेगा के क्रियान्वयन में यहां सरकारी राशि को बड़े पैमाने पर खुर्द बुर्द किया जाता है। इसे ऐसे समझिए तालाब निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाया 500 रोजगार का। काम पूरा कराया ३ सौ रोजगार से, बाकी के 2 सौ रोजगार की राशि जनप्रतिनिधि और जॉब कार्ड स्वामी ने बांट ली। इसमें जॉब कार्ड स्वामी को 10 से 20 प्रतिशत और बाकी राशि पंचायत प्रतिनिधि के पास गई। इस मॉडल पर नदिया और उत्तर 24 परगना के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि डकारी जा रही है। राज्य और केन्द्र सरकार यदि लोककल्याणकारी योजनाओं का ठीक से ऑडिट करे तो भ्रष्टाचार का पूरा नेटवर्क सामने आ जाएगा।
जन्म से मृत्यु तक कटमनी
बच्चे के गर्भ में रहने पर जब मां अस्पताल जाती है और बेड के लिए अस्पताल में सत्ताधारी पार्टी से संबंधित दलाल पैसे मांगते हैं, वहां से कटमनी शुरू होती है और जब मौत होती है और शव श्मशान जाता है, अंतिम संस्कार होता है वहां पर भी कटमनी मांगते हैं। यानि जन्म से लेकर मृत्यु तक कटमनी ली जाती है। मु्ख्यमंत्री खुद ही ये बात मान चुकी हैं कि कटमनी लिया जा रहा है इसीलिए कटमनी को वापस करने की उन्होंने बात कही। कटमनी का लाभ मंत्री भी उठाते हैं।
लॉकेट चटर्जी, भाजपा सांसद
बच्चे के गर्भ में रहने पर जब मां अस्पताल जाती है और बेड के लिए अस्पताल में सत्ताधारी पार्टी से संबंधित दलाल पैसे मांगते हैं, वहां से कटमनी शुरू होती है और जब मौत होती है और शव श्मशान जाता है, अंतिम संस्कार होता है वहां पर भी कटमनी मांगते हैं। यानि जन्म से लेकर मृत्यु तक कटमनी ली जाती है। मु्ख्यमंत्री खुद ही ये बात मान चुकी हैं कि कटमनी लिया जा रहा है इसीलिए कटमनी को वापस करने की उन्होंने बात कही। कटमनी का लाभ मंत्री भी उठाते हैं।
लॉकेट चटर्जी, भाजपा सांसद
तृणमूल में हर किसी को लूट का हिस्सा –
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और गायक कबीर सुमन ने कुछ साल पहले जबरन वसूली के खिलाफ बयान दिया तो तृणमूल सुप्रीमो ने कोई कदम नहीं उठाया। तृणमूल कांग्रेस में हर छोटे बड़े नेता की लूट में हिस्सेदारी है।
मो. सलीम, माकपा नेता
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और गायक कबीर सुमन ने कुछ साल पहले जबरन वसूली के खिलाफ बयान दिया तो तृणमूल सुप्रीमो ने कोई कदम नहीं उठाया। तृणमूल कांग्रेस में हर छोटे बड़े नेता की लूट में हिस्सेदारी है।
मो. सलीम, माकपा नेता
लेने वाले, देने वाले, दोनों दोषी, कानून करेगा काम
कटमनी लेने वाले व देने वाले दोनों ही दोषी हैं। सरकार दोनों के खिलाफ कानून के अंतर्गत कार्रवाई करेगी। जो लोग कटमनी लेने वालों पर हमले कर रहे हैं वे दोषी हैं। कानून हाथ में लेना अपराध है। लोग शिकायत पेटी में शिकायतें डाल सकते हैं। सरकार इस मसले पर चौकस है।
पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस महासचिव
कटमनी लेने वाले व देने वाले दोनों ही दोषी हैं। सरकार दोनों के खिलाफ कानून के अंतर्गत कार्रवाई करेगी। जो लोग कटमनी लेने वालों पर हमले कर रहे हैं वे दोषी हैं। कानून हाथ में लेना अपराध है। लोग शिकायत पेटी में शिकायतें डाल सकते हैं। सरकार इस मसले पर चौकस है।
पार्थ चटर्जी, तृणमूल कांग्रेस महासचिव
क्या है अघोषित रेट चार्ट
उज्जवला एलपीजी कनेक्शन- लाभार्थी से 500 से 600 रुपये तक वसूली।
मनरेगा- ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लाभार्थियों से 20 से 40 रुपये प्रति कार्यदिवस के वसूलना। लाभार्थियों के अकाउंट में राशि आने के बाद वसूली जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना- अपना घर बनाने के लिए 1.20 लाख से 1.35 लाख रुपये तक की सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक लाभार्थी से 10-25 हजार रुपये तक वसूलना।
निर्मल बांग्ला (स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण)- शौचालय के लिए 12 हजार रुपये की सहायता देने के लिए कट मनी के तौर पर 900 से 2 हजार रुपये प्रत्येक लाभार्थी से लेना।
समव्यथी- अंतिम संस्कार के लिए राज्य सरकार की ओर से २ हजार रुपए की आर्थिक सहायता कराने वाली इस योजना के लिए भी 200 रुपए तक वसूलना।
उज्जवला एलपीजी कनेक्शन- लाभार्थी से 500 से 600 रुपये तक वसूली।
मनरेगा- ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लाभार्थियों से 20 से 40 रुपये प्रति कार्यदिवस के वसूलना। लाभार्थियों के अकाउंट में राशि आने के बाद वसूली जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना- अपना घर बनाने के लिए 1.20 लाख से 1.35 लाख रुपये तक की सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक लाभार्थी से 10-25 हजार रुपये तक वसूलना।
निर्मल बांग्ला (स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण)- शौचालय के लिए 12 हजार रुपये की सहायता देने के लिए कट मनी के तौर पर 900 से 2 हजार रुपये प्रत्येक लाभार्थी से लेना।
समव्यथी- अंतिम संस्कार के लिए राज्य सरकार की ओर से २ हजार रुपए की आर्थिक सहायता कराने वाली इस योजना के लिए भी 200 रुपए तक वसूलना।