कर्ण को भगाने के लिए मोटरसाइकिल का इंतजाम किया था, लेकिन वो बंद हो गई। अपराधी किक मारते रहे, लेकिन चालू नहीं हुई। इसलिए वे ज्यादा दूर तक नहीं भाग सके। कर्ण रथतल्ला मोड़ स्थित एक पुराने मकान में छुप गया।
पहले भी भागा था कुख्यात अपराधी कर्ण इससे पहले कई बार कभी जेल से तो कभी पुलिस लॉकअप से भाग निकला था। सबसे पहले 2011 में कर्ण कांथी जेल से फरार हुआ था। फिर 2015 में कांथी अदालत के लॉकअप से वह फरार हुआ था। फरारी के दौरान 17 जनवरी 2016 को कर्ण ने महिषादल थाने के कांस्टेबल नवकुमार हाइट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2017 में 11 जनवरी को उसे सोनारपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद कर्ण कांथी सब-जेल से भाग निकला था। फरार होने के 13 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस की भूमिका पर सवाल कर्ण और उसे साथियों को गुरुवार को पेशी के लिए अदालत ले जाने वाले पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि जब पुलिस को कर्ण की आपराधिक पृष्टभूमि तथा जेल/सब-जेल/पुलिस लॉकअप से भागने के बारे में पता था तो उसे कड़े सुरक्षा घेरे में अदालत क्यों नहीं ले जाया गया था? जिला पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।