कॉनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) की ओर से शनिवार को आयोजित 10 वें एनर्जी कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बिजली की वैकल्पिक उपाय के रूप में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े लोगों की उपस्थिति में चट्टोपाध्याय ने कहा कि हमें एक निजी निवेशक से एक ही स्थान पर 800 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना के लिए प्रस्ताव मिला है। हालांकि, चट्टोपाध्याय ने कहा कि निवेशक इस दिशा में आगे बढऩे से पहले परियोजना के लिए पीपीए प्राप्त करना चाहते हैं।
सूत्रों ने कहा कि पीपीए के बिना बैंकर्स किसी भी बिजली परियोजना के पीछे निवेश करने को इच्छुक नहीं हैं। मंत्री ने कहा कि उनके पास पहले से ही उनके कब्जे की करीब 500 एकड़ जमीन है। इससे अधिक जमीन पाने के लिए उन्होंने कोई आग्रह नहीं किया है। चट्टोपाध्याय ने यह भी कहा कि सौर परियोजना को पुरुलिया में प्रस्तावित 1000 मेगावाट क्षमता वाले तुर्गा पम्प भण्डारण हाइडल कार्यक्रम के साथ जोडऩे की कोई गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए राज्य को स्वच्छ ऊर्जा निधि से सब्सिडी नहीं मिली थी। इस बीच, राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के शहरी विकास विभाग इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों के लिए नीतिगत उपाय पेश करने की योजना बना रहा है।