धनखड़ ने केंद्र-राज्य संबंधों पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों के बीच टकराव ‘विवादों और मुद्दों’ को हल करने का तरीका नहीं है। गणतंत्र दिवस पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि हमारा संविधान राज्य और केंद्र के बीच सभी विवादों और मुद्दों का समाधान प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच के टकराव समाधान का रास्ता नहीं है। दोनों के बीच समन्वय होना चाहिए और हमें उस दिशा में काम करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि हिंसा लोकतंत्र के हित में नहीं है।
उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हमें उस दिशा में काम करनी चाहिए ताकि 2020 में पश्चिम बंगाल को शांतिपूर्ण वातावरण वाला प्रदेश के लिए जाना जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि एक समय ऐसा था जब हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपने मूल्यों को समझते थे। वर्तमान में एक ऐसे माहौल की आवश्यकता पर राज्यपाल ने बल दिया जहां “लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए हम निडर होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सभी उस दिशा में काम करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि वे हैरान हैं कि राज्य में अप्रत्यक्ष रूप से उन किसानों के नाम भी स्पष्ट नहीं किए गए जिन्होंने केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। उक्त योजना के मद में हमारे किसानों का बकाया 4000 करोड़ रुपए से अधिक है, जो उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया है।
राज्यपाल ने सभी संबंधित अधिकारियों से इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया ताकि उन्हें उनके बकाया से वंचित न किया जाए। हमें सैनिकों की भांति किसानों को भी सलाम करना चाहिए। राज्यपाल ने सभी से शैक्षणिक संस्थानों को ‘शिक्षा के मंदिर’ के रूप में कार्य करने के लिए अपील की, जहां ‘हिंसा का कोई स्थान नहीं हो सकता।’