बंगाल के राज्यपाल धनखड़ का ममता सरकार पर एक बार फिर लगाया गंभीर आरोप, जानिए ...
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच का गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजभवन पर समय से विधेयकों पर सहमति नहीं देने के आरोपों पर राज्यपाल ने फौरन पलटवार किया।

कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच का गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजभवन पर समय से विधेयकों पर सहमति नहीं देने के आरोपों पर राज्यपाल ने फौरन पलटवार किया। उन्होंने राज्य सरकार पर तथ्यों को राजभवन के साथ साझा नहीं करने का गंभीर आरोप लगाया है। विधेयक पर सहमति नहीं मिलने के कारण शीतकालीन सत्र दो दिन के लिए अचानक स्थगित करने संबंधी विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी के फैसले पर सरकार को ही कटघरे में लाते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस ंसदर्भ में जो भी देरी हुई है वह राज्य सरकार की ओर से ही हुई है। राज्यपाल ने बुधवार सुबह ट्वीटर कर प्रत्यक्ष रूप से सरकार पर वार किया है। ट्वीटर हैंडल पर उन्होंने लिखा है कि संविधान को मानकर वह काम कर रहे हैं और उसी के अनुरूप चल भी रहे हैं। वह आंख मुंद कर फैसला नहीं ले सकते।
बंगाल में स्लो मोशन की सरकार:
राज्यपाल धनखड़ ने ममता बनर्जी की सरकार को स्लो मोशन वाली सरकार करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से कुछ भी आए और उस पर वह अपनी सहमति देेते रहेंगे, ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह रबड़ स्टैम्प नहीं हैं। सरकार की ओर से किसी भी फाइल को तत्काल प्रभाव से निपटाते हैं। विधेयकों के संदर्भ में संबंधित विभागीय अधिकारी से स्पष्टीकरण और व्याख्या को लेकर राजभवन से पत्राचार किए गए पर राज्य प्रशासन की ओर से सकारात्मक पहल नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रिमंडल ने एससी/एसटी समुदाय के लोगों के लिए एक विकास आयोग का गठन करने का निर्णय लिया था। इसके लिए मंत्रिमंडल से सहमति मिलने के बाद विधेयक की रूपरेखा तैयार कर राजभवन में भेजी गई थी। विधानसभा में बुधवार को इसे पेश किया जाना था।
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