scriptक्या हुआ कि 6 की फांसी उम्रकैद में हुई तब्दील, 2 बरी | west bengal: Hanging of 6 turned into life imprisonment | Patrika News

क्या हुआ कि 6 की फांसी उम्रकैद में हुई तब्दील, 2 बरी

locationकोलकाताPublished: Feb 09, 2018 10:12:22 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बहुचर्चित सौरभ चौधरी हत्या मामले में निचली अदालत की ओर से दी गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया।

kolkata west bengal
सौरभ चौधरी हत्या मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला

– वर्ष 2014 में जुए और शराब का विरोध करने को लेकर की गई थी हत्या
कोलकाता

कलकत्ता हाईकोर्ट ने उत्तर 24 परगना के बामनगाछी में बहुचर्चित सौरभ चौधरी हत्या मामले में निचली अदालत की ओर से दी गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया। बारासात की अदालत ने इस मामले में 8 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। लम्बी सुनवाई के बाद शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 6 अभियुक्तों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी तथा दो को बरी कर दिया। न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार दोषी श्यामल कर्मकार, सुमन दास, तापस विश्वास, सोमनाथ सरदार, रतन समद्दार तथा तारक दास की फांसी उम्रकैद में तब्दील कर दी। वहीं सुमन सरकार तथा अमल बरुई को बरी कर दिया गया।
ली थी हाईकोर्ट की शरण, कहा था अदालत का फैसला एकतरफा
अभियुक्तों ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुए कहा था कि निचली अदालत का फैसला एकतरफा है। उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत देखे बिना उन्हें कड़ी सजा दी गई है। उम्रकैद पानेवालों को आजीवन जेल में ही रहना होगा।
क्या थी घटना
बामनगाछी के बनर्जीपाड़ा में 5 जुलाई, 2014 को सौरभ चौधरी की हत्या की गई थी। बीए के छात्र सौरभ (20) ने इलाके में अवैध शराब कारोबार का विरोध किया था। इससे नाराज होकर अपराधियों ने सौरभ को अगवा कर उसकी हत्या कर शव को बामनगाछी-दत्तापुकुर स्टेशन के बीच कुलगछिया में रेल पटरी पर फेंक दिया था। पुलिस ने कई टुकड़ों में लाश बरामद की थी। इस मामले में कुल 12 लोग गिरफ्तार किये गये थे। निचली अदालत ने 8 को फांसी की सजा सुनाई थी।
हुआ था हंगामा
इस मामले को लेकर पूरे राज्य में राजनीति गरमा गई थी। विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए सडक़ पर उतर कर प्रदर्शन किया था। उनका आरोप था कि राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
(विधि संवाददाता)
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो