पुलिस सूत्रों ने कहा कि अप्रैल-मई में, बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस, दोनों ने एक समन्वित कदम में, कई सौ प्राथमिकी दर्ज कीं और लगभग 200 लोगों पर फर्जी खबरें साझा करने के आरोप में मुकदमा चलाया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि इनमें से कुछ पोस्ट भड़काऊ भी थे और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के उद्देश्य से किए गए थे।
पुलिस ने कहा कि वे सोशल मीडिया साइटों के नोडल अधिकारियों के साथ भी संपर्क में हैं और इस तरह के पोस्ट को डिलीट करने के लिए लगातार तत्पर हैं।
पुलिस के अनुसार, राज्य और शहर दोनों पुलिस साइबर विंग ऐसे अपराधियों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने की कोशिश में सोशल मीडिया पोस्टों की निगरानी कर रही है।