पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के नेता व संसदीय मामलों के मंत्री तापस राय ने कहा कि अमित शाह को दूसरों की हिम्मत से पहले इस विषय से परिचित होना चाहिए। शाह को पहले इस विषय को समझना चाहिए। उन्हें समझना होगा कि संविधान क्या कहता है? हर दिन भाजपा नेता अलग-अलग व्याख्याएं दे रहे हैं। जीएसटी के लागू होने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें बहस के लिए आमंत्रित किया था। क्या उन्होंने इसे स्वीकार किया?
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें बहस करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन क्या गृहमंत्री खुद इस मुद्दे से अवगत हैं? प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के बीच कोई समानता नहीं है। इसके अलावा वे हर दूसरे दिन अपना रुख बदल रहे हैं।
माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि वे (अमित शाह) उन लोगों की नागरिकता छीनने की कोशिश कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें वोट दिया था। यदि ये मतदाता भारतीय नागरिक नहीं हैं तो चुनाव स्वयं अवैध था। उस स्थिति में भाजपा के सभी लोकसभा सदस्यों को इस्तीफा दे देना चाहिए। क्या वे ऐसा करेंगे?
सीएए के समर्थन में मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक जनसभा की। यहां पर उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ‘भारत माता की जय’ के नारों से करते हुए समाजवादी पार्टी (एसपी), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को नागरिकता कानून को लेकर हो रही हिंसा का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इसकी वजह से इस देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। ममता दीदी, राहुल बाबा, अखिलेश यादव चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच तलाश लो, हमारा स्वतंत्र देव चर्चा करने के लिए तैयार है। सीएए की कोई भी धारा में किसी की नागरिकता छीनने का उल्लेख नहीं है। साथ ही हुंकार भरते हुए कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाएगा।