महालया पर कोलकाता में रेडियो पर वीरेंद्रकृष्ण भद्र की खनकती आवाज में 90 मिनट लंबे महिषासुरमर्दिनी पाठ को सुनने का खास रिवाज है। 1931 में इस पाठ की रचना हुई थी। हर बंगाली परिवार का सदस्य सुबह 4 बजे उठकर यह पाठ सुनता है। भद्र की महिषासुर-मर्दनी का पाठ सुने बिना दुर्गा पूजा की शुरुआत बंगाल में नहीं मानी जाती। ये परंपरा पिछले 80 साल से अधिक समय से चली आ रही है। लोग महालया के दिन सुबह 4 बजे ही उठ जाते हैं और पाठ सुुनने अपनेे रेडियो सेट खोलकर बैठ जाते हैं।