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एनआरसी: अमित शाह के किस बयान पर भडक़ीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

locationकोलकाताPublished: Nov 20, 2019 06:32:24 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

पश्चिम बंगाल में एनआरसी(राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लागू करने को लेकर राजनीति क्रमश: गरमाती जा रही है।

एनआरसी: अमित शाह के किस बयान पर भडक़ीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

एनआरसी: अमित शाह के किस बयान पर भडक़ीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

नई दिल्ली.
पश्चिम बंगाल में एनआरसी(राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लागू करने को लेकर राजनीति क्रमश: गरमाती जा रही है। इस मुद्दे पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के बीच का जंग जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में स्पष्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर असम में एनआरसी लागू किया गया। अब इसकी प्रक्रिया पूरे देश में लागू होगी। इससे किसी जाति-धर्म के लोगों को आतंकित या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआरसी के मुद्दे पर फिर एक बार मोदी सरकार को घेरा है। सीएम ममता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार पश्चिम बंगाल में कभी भी एनआरसी को लागू करने की अनुमति नहीं देगी। बंगाल में रहने वाली जनता की नगरिकता कोई भी नहीं छीन सकता। गृह मंत्री शाह के बयान पर पलटवार करते हुए ममता ने कहा कि कोई भी बंगाल में किसी की नागरिकता नहीं ले सकता है। पश्चिम बंगाल सरकार साम्प्रदायिकता के आधार पर लोगों को विभाजित नहीं करती। एनआरसी के मुद्दे पर सीएम ममता बनर्जी ने इससे पहले भी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि लोगों को मूर्ख बनाने की यह नई चाल है, जो इस देश के नागरिक हैं उन्हें अब विदेशी बताया जा रहा है।
राज्यसभा में गृह मंत्री ने यह कहा:
हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिल जाएगी। इसलिए ही तो बिल संशोधित करने की जरूरत थी। ताकि जिन शरणार्थियों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ता है, उन्हें भारतीय नागरिकता मिल सके। एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कहता है कि इसके तहत किसी अन्य धर्म को नहीं लिया जाएगा। भारत के सभी नागरिक चाहे वे किसी भी धर्म के हों, एनआरसी सूची में शामिल होंगे। एनआरसी नागरिकता संशोधन विधेयक से अलग है।
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