मेट्रो का लगातार स्वरूप बदला
24 अक्टूबर, 1984 के बाद मेट्रो का लगातार स्वरूप बदला। गर्मी में
लोग नान एसी में चढऩे से परहेज कर रहे थे और एसी मेट्रो का इंतजार करते थे। आखिरकार वह दिन रविवार को खत्म हो गया। 24 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोलकाता में अंडरग्राउंड मेट्रो की शुरुआत की थी उसके बाद मेट्रो सेवा ने कई बार रंग बदला है। कभी आसमानी रंग, कभी पीला-लाल रंग तो कभी सफेद-काले रंग की मेट्रो लोगों को आकर्षित करती रही।सियालदह मेट्रो स्टेशन जमीन से 18.5 मीटर नीचे है। सियालदह स्टेशन के एक तरफ फूलबगान दूसरी तरफ एस्प्लानेड मेट्रो स्टेशन है। मेट्रो अधिकारियों के अनुसार सियालदह स्टेशन महत्वपूर्ण होने जा रहा है। जंक्शन के रूप में उपनगर के विभिन्न हिस्सों से लोग अपने गंतव्य के लिए मेट्रो पकडऩे के लिए यहां आएंगे। सियालदह मेट्रो स्टेशन में प्रवेश और निकास के लिए कई छोरों पर ९ सीढय़िां हैं।कोलकाता मेट्रो यात्रियों की सुविधा के लिए 18 एस्केलेटर, 26 टिकट काउंटर हैं। दिव्यांगों के लिए विशेष टिकट काउंटर और लिफ्ट हैं। मेट्रो स्टेशन में 3 प्लेटफॉर्म हैं। प्लेटफार्मों में से एक को एक द्वीप मंच के रूप में रखा जाएगा।अधिक भीड़ में तीसरे मंच का उपयोग किया जाएगा।
24 अक्टूबर, 1984 के बाद मेट्रो का लगातार स्वरूप बदला। गर्मी में
लोग नान एसी में चढऩे से परहेज कर रहे थे और एसी मेट्रो का इंतजार करते थे। आखिरकार वह दिन रविवार को खत्म हो गया। 24 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोलकाता में अंडरग्राउंड मेट्रो की शुरुआत की थी उसके बाद मेट्रो सेवा ने कई बार रंग बदला है। कभी आसमानी रंग, कभी पीला-लाल रंग तो कभी सफेद-काले रंग की मेट्रो लोगों को आकर्षित करती रही।सियालदह मेट्रो स्टेशन जमीन से 18.5 मीटर नीचे है। सियालदह स्टेशन के एक तरफ फूलबगान दूसरी तरफ एस्प्लानेड मेट्रो स्टेशन है। मेट्रो अधिकारियों के अनुसार सियालदह स्टेशन महत्वपूर्ण होने जा रहा है। जंक्शन के रूप में उपनगर के विभिन्न हिस्सों से लोग अपने गंतव्य के लिए मेट्रो पकडऩे के लिए यहां आएंगे। सियालदह मेट्रो स्टेशन में प्रवेश और निकास के लिए कई छोरों पर ९ सीढय़िां हैं।कोलकाता मेट्रो यात्रियों की सुविधा के लिए 18 एस्केलेटर, 26 टिकट काउंटर हैं। दिव्यांगों के लिए विशेष टिकट काउंटर और लिफ्ट हैं। मेट्रो स्टेशन में 3 प्लेटफॉर्म हैं। प्लेटफार्मों में से एक को एक द्वीप मंच के रूप में रखा जाएगा।अधिक भीड़ में तीसरे मंच का उपयोग किया जाएगा।
—– पहली मेट्रो के यात्रियों ने अनुभव साझा किए
पहली मेट्रो के यात्रियों गौतम सेनगुप्ता, पीके दासगुप्ता, शांतनु बनर्जी ने सवारी के अपने अनुभव साझा किए। पहले मेट्रो मोटरमैन संजय सिल, तपन नाथ ने भी अनुभव साझा किए। स्टेशन मास्टर मैदान बिमलेंदु रॉय, स्टेशन मास्टर एस्प्लानेड एके सतपति, देशबंधु चित्तरंजन दास के भतीजेसीईई/आरएस रंजन प्रसाद ने अनकही कहानियां सुनाईं।…
पहली मेट्रो के यात्रियों गौतम सेनगुप्ता, पीके दासगुप्ता, शांतनु बनर्जी ने सवारी के अपने अनुभव साझा किए। पहले मेट्रो मोटरमैन संजय सिल, तपन नाथ ने भी अनुभव साझा किए। स्टेशन मास्टर मैदान बिमलेंदु रॉय, स्टेशन मास्टर एस्प्लानेड एके सतपति, देशबंधु चित्तरंजन दास के भतीजेसीईई/आरएस रंजन प्रसाद ने अनकही कहानियां सुनाईं।…