निकाय चुनाव की आहट होते ही राजनीतिक दलों ने कमर कसनी शुरू कर दी है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने े बूथ स्तर पर पार्टी का नेटवर्क सक्रिय करने का काम शुरू कर दिया है। उसने वार्ड स्तर पर भाजपा के प्रसार से निपटने की रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है। संभावित प्रत्याशियों को लेकर निकाय स्तर पर चर्चा का दौर भी शुरू हो गया है।
भाजपा भी बूथ स्तर के सांगठनिक चुनाव पूरे कर अब अंचल या शक्ति केन्द्र के चुनाव निपटाने में लगी हुई है। माकपा भी सांगठनिक फेरबदल के दौर से गुजर रही है।
हालांकि अभी यह तय नहीं है कि राज्य में निकाय चुनाव कब होंगे। न तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने और न ही किसी जिम्मेदार तृणमूल नेता ने निकाय चुनाव को लेकर कोई घोषणा की है।
टल भी सकते हैं चुनाव
राज्य के 91 निकायों का कार्यकाल मई 2020 में खत्म हो रहा है। लेकिन कार्यकाल खत्म हो चुके हावड़ा नगर निगम समेत एक दर्जन से ज्यादा निकायों का प्रशासकों की ओर से संचालन साबित करता है कि राज्य सरकार चाहे तो निकाय चुनाव टाल भी सकती है।