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जमुनालाल बजाज स्ट्रीट के कपड़ा व्यवसायी अजय रस्तोगी ने बताया कि व्यापार बन्द रहने से नुकसान होता है अब तय यह करना है किस प्रकार और कितनी जल्द इस नुकसान की भरपाई की जाए। पिछली बातों को भूल कर नए सिरे से शुरुआत करने का समय है। वे अपने पैतृक व्यवसाय को पुन: उसी मुकाम पर स्थापित करने में प्रयासरत हैं और उन्हें विश्वास है कि जल्द इसे साकार कर सकेंगे। ब्रेबर्न रोड में कपड़े के थोक विक्रेता विष्णु शर्मा ने बताया कि बाजार खुल जरूर गए लेकिन पूरी तरह पटरी पर आने में अभी समय लगेगा। फिलहाल कुछ को छोडक़र लगभग सभी व्यवसायी मंदी की मार झेल रहे हैं। होजियरी गुड्स का काम करने वाले टॉलीगंज निवासी सुनील अग्रवाल ने बताया कि वे ढाई महीने बाद बड़ाबाजार आए है। हालांकि अभी नए ऑर्डर नहीं मिल रहे पर अपनी पार्टियों से वे संपर्क में हैं। उन्हें विश्वास है कि धीरे-धीरे सब व्यवस्थित हो जाएगा। मालापाड़ा के साड़ी व्यवसायी मनीष जैन ने बताया कि अभी गद्दी में वे केवल टाइम पास कर रहे। उनके यहां ज्यादातर व्यापारी बाहर के हैं जिनकी अभी कुछ दिनों तक आने की सम्भावना न के बराबर है। एम्ब्रॉयडरी कारीगर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और लोकल ट्रेन बन्द होने से वे कोलकाता नहीं आ रहे। उनके न आने से नई डिजाइन की साडिय़ां भी बन नहीं रही।