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CORONA EFFECT: कोरोना का पड़ा अब कोलकाता के जगन्नाथ रथयात्रा पर कहर

locationकोलकाताPublished: Jun 06, 2020 03:55:53 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

इस बार कोरोना महामारी के कारण नहीं होगी रथयात्रा , रथयात्रा 23 जून और उल्टी रथयात्रा 1 जुलाई को

CORONA EFFECT:  कोरोना का पड़ा अब कोलकाता के जगन्नाथ रथयात्रा पर कहर

CORONA EFFECT: कोरोना का पड़ा अब कोलकाता के जगन्नाथ रथयात्रा पर कहर

BENGAL CORONA ALERT-कोलकाता. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस नोवेल कोविड-19 का कहर अब कोलकाता के जगन्नाथ रथयात्रा पर भी पड़ गया है। कोरोना के प्रकोप के पहले हर साल महानगर में काफी धूमधाम से व्यापक स्तर पर रथयात्रा का आयोजन होता आया है। पर इस बार कोरोना महामारी के कारण रथयात्रा नहीं होगी। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने यह पुष्टि की। इस साल रथयात्रा 23 जून और उल्टी रथयात्रा 1 जुलाई को है। उल्लेखनीय है कि कोलकाता की रथयात्रा पुरी की रथयात्रा के बाद दुनिया में सबसे बड़ी है। क्योंकि जहां पुरी की रथयात्रा का रूट 4 किलोमीटर है जबकि कोलकाता का 8 किलोमीटर। रथयात्रा से पहले स्नान उत्सव होता है, जिसके तहत कोलकाता में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के तत्वावधान में शुक्रवार को पूर्णिमा स्नान उत्सव हुआ। जिसमें बाहर के लोग शामिल नहीं थे बल्कि केवल इस्कॉन के सन्यासियों ने ही हिस्सा लिया। दास ने बताया कि इस बार यहां रथयात्रा नहीं होगी और केवल विधिवत रूप से मंदिर प्रांगण में ही उसे पूरा कर लिया जाएगा। जहां पहले हर साल उमंग-उत्साह से रथयात्रा निकाली जाती थी वह अब संभव नहीं। रथ खींचने के लिए कोलकाता की सडक़ों पर लाखों की भीड़ उमड़ती है। जिससे शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी संभव नहीं है। इस साल ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रथ मेला नहीं लगेगा।

मायापुर इस्कॉन मुख्यालय में भी संशय
उधर मायापुर स्थित इस्कॉन मुख्यालय भी कोविड-19 महामारी से वार्षिक रथ यात्रा उत्सव आयोजित करने को लेकर उलझन में है। इस्कॉन
मायापुर के प्रवक्ता सुब्रत दास ने कहा कि जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की झांकियां बना कर रथयात्रा निकालने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बने रहने की ज्यादा संभावना है चूंकि रथयात्रा में काफी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। फिलहाल रथ यात्रा पर कोई भी सभा असंभव है। इससे पहले महेश की 624 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक रथ यात्रा भी इस बार धूमधाम से नहीं निकालने पर निर्णय हुआ था।

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