1121 कविताओं से संग्रहित ग्रंथ महाप्रज्ञ का प्रकाशन 27 वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज
जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के दशम आचार्य महाप्रज्ञ की जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला कड़ी 1121 कविताओं से संग्रहित ग्रंथ महाप्रज्ञ का प्रकाशन ऐतिहासिक काव्य संग्रह अपने आप में अनूठा है। इसे विश्व के साहित्यिक इतिहास में सबसे बड़ा घोषित किया गया है। इसका नाम 27 वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। पूरे देश के रचनाकारों ने इस महायज्ञ में आहुति दी है। अणुव्रत सेवी प्रो. डॉ. ललिता बी जोगड के संपादक सहयोगी मंडल के प्रयास से वर्तमान कोरोना काल में भी यह अल्प समय में संभव हो सका। लेखिका व चित्रकार शीला संचेती ने भी इसमें अपनी सहभागिता दर्ज कराई है। इनकी पुस्तक स्रोतस्विनी छप चुकी है। दो प्रकाशन की तैयारी में है। 31 कवियों ने इस ग्रन्थ के लिए कविता लिखकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। इनमें कोलकाता से शीला संचेती, ज्योत्सना दुगड़, मीनाक्षी छाजेड़, बिंदू डागा, सुमन मणोत, संतोष सेठिया, सुन्दर पारख, कंचन बैद, रश्मि सेठिया, कमला छाजेड़, प्रसन्न चोपड़ा, कांता चोरडिया, संजू कोठारी, स्नेहलता पुगलिया, पुखराज सेठिया, मृदला कोठारी, श्वेता दसानी, कदम गोलछा, दिशा दुगड़, प्रमोद शाह हैं। हावड़ा से राकेश दसानी, मुर्शिदाबाद से स्नेह छाजेड़, अहमदाबाद से अनुराग सेठिया, राजेश चोपड़ास दिल्ली से सुमन लुणिया, सरदारशहर से सपना लुणिया, वर्षा बैद, निधि बोथरा, जोधपुर से गौरव जैन, सूरत से राजेन्द्रडागा हैं। सभी को ब्रिटिश वल्र्ड रिकार्ड लन्दन की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किए गये हैं।
जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के दशम आचार्य महाप्रज्ञ की जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला कड़ी 1121 कविताओं से संग्रहित ग्रंथ महाप्रज्ञ का प्रकाशन ऐतिहासिक काव्य संग्रह अपने आप में अनूठा है। इसे विश्व के साहित्यिक इतिहास में सबसे बड़ा घोषित किया गया है। इसका नाम 27 वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। पूरे देश के रचनाकारों ने इस महायज्ञ में आहुति दी है। अणुव्रत सेवी प्रो. डॉ. ललिता बी जोगड के संपादक सहयोगी मंडल के प्रयास से वर्तमान कोरोना काल में भी यह अल्प समय में संभव हो सका। लेखिका व चित्रकार शीला संचेती ने भी इसमें अपनी सहभागिता दर्ज कराई है। इनकी पुस्तक स्रोतस्विनी छप चुकी है। दो प्रकाशन की तैयारी में है। 31 कवियों ने इस ग्रन्थ के लिए कविता लिखकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। इनमें कोलकाता से शीला संचेती, ज्योत्सना दुगड़, मीनाक्षी छाजेड़, बिंदू डागा, सुमन मणोत, संतोष सेठिया, सुन्दर पारख, कंचन बैद, रश्मि सेठिया, कमला छाजेड़, प्रसन्न चोपड़ा, कांता चोरडिया, संजू कोठारी, स्नेहलता पुगलिया, पुखराज सेठिया, मृदला कोठारी, श्वेता दसानी, कदम गोलछा, दिशा दुगड़, प्रमोद शाह हैं। हावड़ा से राकेश दसानी, मुर्शिदाबाद से स्नेह छाजेड़, अहमदाबाद से अनुराग सेठिया, राजेश चोपड़ास दिल्ली से सुमन लुणिया, सरदारशहर से सपना लुणिया, वर्षा बैद, निधि बोथरा, जोधपुर से गौरव जैन, सूरत से राजेन्द्रडागा हैं। सभी को ब्रिटिश वल्र्ड रिकार्ड लन्दन की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किए गये हैं।