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CORONA EFFECT-आफत पर भारी पड़ी अबकि बार आस्था

locationकोलकाताPublished: Aug 10, 2020 06:04:43 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

बड़ाबाजार में सजे खिलौनों के बाजार, जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर रही चहल-पहल, अधिकतर जगह आज तो कहीं 12 को मनेगाी जन्माष्टमी

CORONA EFFECT-आफत पर भारी पड़ी अबकि बार आस्था

CORONA EFFECT-आफत पर भारी पड़ी अबकि बार आस्था

BENGAL CORONA UPDATE NEWS: कोलकाता. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस नोवेल कोविड-19 संक्रमण काल में इस बार लोगों की आस्था ने महामारी से जंग छेड़ दी। महानगर के मिनी राजस्थान बड़ाबाजार में कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर चहल-पहल रही। जबकि कृष्ण जन्माष्टमी पर खिलौनों के बाजार सजे हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में बाजारों में उतनी रौनक नहीं रही। पर इस साल तालाबंदी के बाद गुजरे अन्य पर्वों की अनुपात में जन्म अष्ठमी की झांकी की सजावट पर जमीन पर रंग-बिरंगे लकड़ी के बुरादे काफी नजर आए। बाकी दिनों की अपेक्षा सोमवार को अधिक चहलकदमी रही। जन्माष्टमी से पूर्व बृहतर बड़ाबाजार के विभिन्न मोहल्लों में मिट्टी के सुंदर खिलौनों के बाज़ार लगे। जन्माष्टमी के दिन कई घरों में कृष्ण की जीवन लीलाओं से संबंधित झांकियां सजाई जाती है। और इस झांकियों को मूर्त रूप देते है कृष्ण नगर और कुम्हार टोली के कारीगरों के बनाए गए मिट्टी के सुंदर खिलौने। इन खिलौनों में प्रतिवर्ष देवकी वासुदेव, कृष्ण के जन्म बाद वासुदेव का कृष्ण को टोकरी में सुलाकर को नंदगांव ले जाना, पूतना वध, कृष्ण की रास लीला, गोपियों को यमुना स्नान का सबक देना, पुलिस पार्टी, झूला-झूलन और लड्डू गोपाल की प्रतिमा की विशेष मांग रहती है। इस वर्ष भी ये सभी प्रतिमाएं बाजार में उपलब्ध है। बड़ी प्रतिमाओं में मथुरा जेल, महाभारत युद्ध की झांकी आदि भी उपलब्ध है। जन्म अष्ठमी की झांकी की सजावट पर जमीन पर रंग-बिरंगे लकड़ी के बुरादे भी तैयार हो चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में मिट्टी के खिलौने के साथ ही चाइनीज खिलौनों ने भी झांकी में अपनी घुसपैठ की है। बैट्री चालित ट्रेन, जंगली जानवर, पक्षी, मोटर बोट। लेकिन आज भी लोहे के टिन से बनी बोट जिसमे की रुई की बाती जला कर चलाया जाता है को लोग खरीदते नजर आए। गणेश टाकीज, सत्यनाराण पार्क, बांसतल्ला और राम मंदिर के दुकानदारों से बात करने पर खुलासा हुआ कि बाजार तो सज चुके हैं पर बिक्री कमजोर है। बांसतल्ला में रंगीन बुरादा बिक्री करने वाले शंभू सोनकर ने बताया कि इस साल बुरादा ४० रुपए किलो बेच रहे है। पर अभी तक के हिसाब से बिक्री ठीक ठाक है। सत्यनारायण मंदिर के पास खिलौने बेचने वाले वीरू यादव ने बताया कि उनकी दुकान पुस्तैनी है। लोगों में कृष्ण के प्रति श्रद्धा है। उसने कहा कि कोरोना हुआ तो क्या हुआ? भक्ति थोड़े न कम होगी। बिक्री ठीक है। एक और खिलौना विक्रेता मनोज ने बताया कि इस साल लोकल ट्रेन नहीं चलने के कारण कृष्ण नगर से खिलौने कम ही आए। बिक्री ठीक है, अभी तक कल का बाज़ार बाकी है।
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