WEST BENGAL---समाज में व्याप्त विसंगतियों पर टिप्पणी
बड़ाबाजार लाइब्रेरी का 122वां स्थापना दिवस समारोह

कोलकाता। समाज में व्याप्त विसंगतियों पर टिप्पणी के साथ बड़ाबाजार लाइब्रेरी का 122वां स्थापना दिवस आचार्य विष्णुकांत शास्त्री सभागार में मंगलवार को आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि थे इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस हेडक्वार्टर (77) पश्चिम बंगाल के.जयरमण (आईपीएस)। सरस्वती वंदना रंजनी मूंधड़ा अग्रवाल ने प्रस्तुत किया। अशोक गुप्ता, कुसुम लुण्डिया, सुनिल मोर, रामपुकर सिंह एवं विष्णु वर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। सरस्वती पूजन, निराला जयंती तथा वसंत पंचमी के साथ पुस्तकालय की स्थापना के संयोग को जोड़ते हुए संस्था के मंत्री अशोक गुप्ता नें संस्था के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया। मुख्य अतिथि जयरमण ने अपने उद्बोधन में पुस्तकालय से जुड़े पाठकों, विद्यार्थियों, साहित्यकारों एवं कवियों को राष्ट्र एवं समाज के कल्याण हेतु समर्पित होने का आह्वान किया। आमंत्रित कवियों में अनिल ओझा नीरद, नन्दलाल रोशन, रजनी मूंधड़ा (अग्रवाल), मंजू बैज, रामाकांत सिन्हा ने समाज में वयाप्त विसंगतियों पर टिप्पणी की। हास्य कवि गिरिधर राय ने संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन रामपुकर सिंह ने किया।खिलाड़ी शंभू सेठ भी मंच पर उपस्थित थे।कार्यक्रम को सफल बनाने में जयगोपाल गुप्ता, विराट शर्मा, विष्णु वर्मा, कुसुम लुण्डिया, सुनिल मोर ने प्रमुख भूमिका निभाई। इस अवसर पर सभागार में सीकेजैन, बलवंत सिंह, विजय शंकर सिंह, सीमा सिंह, डॉ.अरविंद मिश्र, अंजली मिश्रा, पुष्पा मिश्रा, सुषमा राय पटेल, बाल किशन लुण्डिया, सुदामी यादव, आलोक चौधरी ,देवेश मिश्र, विनय ओझाआदि उपस्थित थे।
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