WEST BENGAL—नहीं होता कभी भी वैदिक सनातन धर्म का नाश
कोलकाताPublished: Feb 21, 2021 09:00:05 pm
श्रीसिद्धिविनायक देवस्थानम की ओर से भागवत कथा का आगाज, 27को हवन-पूर्णाहुति, महाप्रसाद
WEST BENGAL—नहीं होता कभी भी वैदिक सनातन धर्म का नाश
BENGAL BHAGWAT-KATHA-कोलकाता। वैदिक सनातन धर्म का कभी भी नाश नहीं होता। आज सामाजिक वैमनस्यता में दिनोंदिन बढ़ोतरी, पति-पत्नी के संबंधों में कड़वाहट, भाई-भाई में मनमुटाव, विवाद इसलिए तेजी से बढ रहे क्योंकि लोगों ने वैदिक सनातन धर्म का आश्रय लेना छोड़ दिया। भागवत मर्मज्ञ कथावाचक अनुराग कृष्ण शाी (कन्हैयाजी) ने 21 फरवरी को पत्रकारों से बातचीत में यह उद्गार व्यक्त किए। श्रीसिद्धिविनायक देवस्थानम की ओर से 48बी मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट में रविवार से भागवत कथा का आगाज हुआ। श्रीसिद्धिविनायक देवस्थानम के तत्वावधान में 26 फरवरी तक चलने वाले भागवत कथा का शाी वाचन करेंगे। कोविड-19के चलते कथास्थल पर आने में असमर्थ बुजुर्गों के लिए यू-ट्यूब चैनल पर कथा का प्रसारण किया जा रहा। कथा रोजाना 3 से शाम 5.30 तक होगी। 27 फरवरी को हवन, हवन-पूर्णाहुति के साथ महाप्रसाद वितरण होगा। रविवार को कथा शुरू होने से पहले शाी ने मीडिया के साथ अनेक मसलों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि गुरू की वाणी ही ग्रंथ है। केवल हिन्दू धर्म ही सनातन धर्म है इसके अलावा शेष सभी पंथ। आज की युवा पीढी में संस्कारों के अभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज माता-पिता को प्रणाम करने की परंपरा ही खत्म हो गई है। आज शैक्षिक संस्थानों में शिक्षा तो काफी उच्च-आधुनिक दी जा रही लेकिन दुर्भाग्य ये है कि जो बेसिक शिक्षा है उससे बच्चे वंचित हैं। संस्कृत से ही सारी भाषाएं उत्पन्न हुई। एक तरफ जहां साइंस, गणित समेत अन्य विषयों की पढाई हो रही आईसीएसई-सीबीएसई जैसे शैक्षिक बोर्ड तो बने पर आज तक वैदिक सनातन धर्म का कोई बोर्ड नहीं बना। उन्होंने कहा कि फिरंगी राज से हमारा देश आजाद तो हो गया लेकिन अंग्रेजी मानसिकता, लॉर्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली से हमें मुक्ति नहीं मिली। आज भी मैकाले की शिक्षा प्रणाली ने गुलाम बना रखा है। जबकि कभी सारा विश्व भारत को फॉलो करता था व उसके अधीन था। रााजा मांधाता के काल में पूरा विश्व भारत के अधीन था।