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BHAGWAT-KATHA-बगैर दिखावे के हो भक्ति-आचार्य देवेश

locationकोलकाताPublished: Mar 04, 2021 06:26:17 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

ईस्ट कोलकाता नागरिक फाउण्डेशन की भागवत कथा

BHAGWAT-KATHA-बगैर दिखावे के हो भक्ति-आचार्य देवेश

BHAGWAT-KATHA-बगैर दिखावे के हो भक्ति-आचार्य देवेश

BENGAL NEWS-कोलकाता। ईस्ट कोलकाता नागरिक फाउण्डेशन के लेकटाउन में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में आचार्य देवेश दीक्षित महाराज ने कृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जीवन का सच है मृत्यु। हमें पता है कि मृत्यु निश्चित है। हम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएंगे तो क्यों न जीवन को धर्म के कार्यों में लगाएं?। भगवान की भक्ति बिना कोई दिखावा किए करनी चाहिए क्योंकि जब पूतना अपना रूप बदलकर कृष्ण को मारने आई तो प्रभु ने आंखें बंद कर ली थी उसी प्रकार जब हम किसी भी प्रकार का दिखावा कर भगवान की वंदना करते हैं तो भगवान हमारी वंदना को स्वीकार नहीं करते। अगर हम सच्ची श्रद्धा और बिना कोई दिखावा किए प्रभु की भक्ति करते हैं तो प्रभु हमें छत्रछाया में लेकर हमारे जीवन के साथ मृत्यु भी संवार देते है। पंचम दिवस के कथा प्रसंग में आचार्य देवेश ने बताया जब ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोड़ गिरिराज की पूजा शुरू कर दी तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की। तब कृष्ण ने गिर्राज को कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया। तब इंद्र को भगवान की सत्ता का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी। कथा प्रसंग में कृष्ण की बाल लीलाओं को सभी भक्तों को श्रवण कराया। भक्तों ने गिर्राज भगवान की झांकी के दर्शन किए। कथा प्रारम्भ में यजमान आरती सराफ परिवार के लोगों ने व्यासपीठ का पूजन किया। रामकिशन-हरिकिशन राठी, ओमप्रकाश भरतिया, जगदीश प्रसाद जाजू, संतोष अग्रवाल, राजकुमार राजाजी, मांगीलाल अग्रवाल आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। प्रीतम दफ्तरी, प्रदीप तोदी, सुनील नारसरिया, पी.एल.खेतान, प्रकाश राजाजी, अनिल मालाकार, पवन खेमका, श्रीराम अग्रवाल, मनोज बंका आदि सक्रिय रहे।
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