इसके अलावा सेवा में मरीजों को घर पर खाना पहुंचाना, अस्पताल में भर्ती जैन समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ५० हजार की आर्थिक मदद भी शामिल है। जिनवरम संस्था केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों के लिए एक मिसाल पेश करते हुए अपने मार्गदर्शन से क्वारेन्टाइन सेंटर बनाकर लोगों को लाभान्वित कर रहा। कोलकाता, हावड़ा के साथ आसपास के स्थानों में भी जिनवरम के सदस्य समाजसेवा में सक्रिय हैं। आज इस संस्थान की चर्चा जैन ही नहीं दूसरे समाज में भी हो रही। इस संस्था की सबसे खास बात यह है कि संस्था के सभी सदस्य सिर्फ पेड स्टॉफ से ही काम नहीं कराते बल्कि जमीनी स्तर पर सेवाभाव को मन में रखकर जरूरतमंदों की सेवा परिवार से बढक़र करते हैं। आज इस संस्था से लाभान्वित परिवार कहते हैं कि भगवान को किसने देखा मालूम नहीं लेकिन जिनवरम परिवार एक देवदूत बनकर हमारी सेवा व रक्षा कर रहा।
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इस कोविड काल में जहां अपने परिवार के सगे-संबंधी काम नहीं आ रहे, संकट की घड़ी में किनारा कर रहे वहीं जिनवरम किसी भी जरूरतमंद परिवार के साथ उनके हर दुख दूर करने में ऐसे पेश आ रहा जैसे परिवार आकर मदद कर रहा। जैन समाज के बंधुओं की ओर से संस्था के इस समाजसेवा के जज्बे को देखते हुए आर्थिक सहयोग भी किया जा रहा। जिससे संस्था का सेवा कार्य सुचारू रूप से चल रहा।सुनील जैन पहाडिय़ा, सुरेश जैन पाटनी, अशोक जैन पहाडिय़ा, अमित जैन पाटनी, दीपक जैन सेठी, वसंत जैन कासलीवाल, मनीष जैन बडज़ात्या, राजेश जैन, संजय जैन बडज़ात्या समेत जिनवरम के तमाम पदाधिकारी-सदस्य इस महामारी में सक्रिय रूप से समाज सेवा में जुटे हुए हैं।