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WEST BENGAL– योग से भगा रहे कोविड काल में रोग

locationकोलकाताPublished: Jun 21, 2021 04:04:21 am

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

प्रवासी राजस्थानी योगाचार्य राजेश व्यास ने उठाया वर्चुअली योग सिखाने का बीड़ा, ऑनलाइन क्लास से जुड़े बंगाल से राजस्थान समेत कई प्रदेशों से योग प्रेमी, पिछले साल लॉक डॉउन से आज तक जारी है ऑनलाइन योग क्लास

WEST BENGAL-- योग से भगा रहे कोविड काल में रोग

WEST BENGAL– योग से भगा रहे कोविड काल में रोग

BENGAL YOG-कोलकाता (शिशिर शरण राही). एक ओर जहां पूरी दुनिया कोविड-19 के कहर से जूझ रही वहीं महानगर के प्रवासी राजस्थानी योगाचार्य राजेश व्यास इस महामारी काल में योग के गुर सीखा कर रोग भगा रहे हैं। पिछले साल लॉक डॉउन से इनकी ऑनलाइन योग क्लास आज तक अनवरत जारी है। लॉक डाउन में योग के प्रचार-प्रसार को लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजेश ने वर्चुअली योग सिखाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने श्रीकृष्ण योग ट्रस्ट के नाम से यूट्यूब चैनल भी बनाया है।ऑनलाइन योग क्लास में जियो मिट तथा फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर न केवल बंगाल बल्कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, तामिलनाडु आदि राज्यों के लोग भी जुड़े हैं। अभी तक ५० हजार लोगों को इसका लाभ मिला है। विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर योगाचार्य राजेश व्यास ने पत्रिका के साथ खास भेंट में योग से जुड़े कई पहलुओं की जानकारी दी। व्यास के शब्दों में इस कोविड काल में शारीरिक-मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखने के लिए वृद्ध, युवा, महिलाओं तथा बच्चों की रुचि योग में दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।
14 साल से जगा रहे योग की अलख
वे पिछले 14 साल से योग की अलख जगाते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में शिविरों के माध्यम से समाज के हर वर्ग को योग सीखा रहे। योग के लाभ जनजन तक पहुंचाने में व्यास के सान्निध्य वाली सामाजिक संस्था श्रीकृष्ण योग ट्रस्ट की ओर से पहली बार लागू लॉक डाउन से अभी तक अनवरत निशुल्क योग के लाभ बताए जा रहे।
लॉक डाउन में मिली प्रेरणा
मूल रूप से राजस्थान के चुरू जिले से संबंध रखने वाले व्यास ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम के द्वारा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक योग द्वारा स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने की प्रेरणा उन्हें लॉक डाउन में मिली। वे 21 जून 2020 से जारी अपनी वर्चुअली योग यात्रा में हर सप्ताह में एक दिन श्रीकृष्ण योग ट्रस्ट के फेसबुक पेज पर ध्यान योग सत्र लाइव करते हैं। हर शनिवार, रविवार सुबह जिओ मिट पर योग क्लास में वे योग, आसन, प्राणायाम आदि का योगाभ्यास कराते हैं। योगाचार्य के जियो मिट पर संचालित योग कक्षा के 100सत्र जल्द पूर्ण होने को है।


इनसे बढती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
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योगाचार्य के मुताबिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मुद्रा, प्राणायाम समेत मुख्य योग आसन इस प्रकार हैं……
प्राण मुद्रा—रोग प्रतिरोधक क्षमता, प्राण की सुप्त शक्ति का जागरण, आरोग्य और ऊर्जा का विस्तार। विटामिन की कमी की पूर्ति।
पृथ्वी मुद्रा-अनामिका और अंगूठे को मिलाकर बनने वाली पृथ्वी मुद्रा के नियमित अभ्यास से जीवनशक्ति बढती है।
शून्य मुद्रा–इसके प्रयोग से गले के रोग में लाभ होता है।
अपान मुद्रा-मध्यमा, अनामिका अंगुली को अंगूठे के अग्रभाग से मिलाकर अपान मुद्रा बनती है। इसके अभ्यास से हृदय रोग, वायु विकार आदि में लाभ मिलता है तथा शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं।
सेतु बंधासन–इसका नियमित अभ्यास, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने में कारगर।
सुखासन प्राणायाम—यह एक प्रकार की ब्रीदिंग एक्सरसाइज है। सुखासन का अभ्यास बहुत आसान है।
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