कोरोना काल में सावन के पहले सोमवार को भक्तों बिना सूने रहे शिवालयकहीं हुआ जलाभिषेक तो कहीं केवल दर्शन-पूजा, नहीं गूंजे बोल बम के जयकारे, भूतनाथ मंदिर के गेट बंद, बाहर खड़े शिवभक्त—–पत्रिका ग्राउंड रपट
WEST BENGAL SAWAN……भक्तों ने कहा, कोरोना का संहार करो हे भोलेनाथ
BENGAL SAWAN NEWS–कोलकाता। कोविड-19संक्रमण काल में लगातार दूसरी बार इस साल भी सावन का पहला सोमवार कोविड प्रोटोकॉल के कारण सूना दिखा। कोरोना काल में सावन के पहले सोमवार को शिवालय सूने रहे। कोविड प्रोटोकॉल के कारण मंदिरों के बंद होने से कहीं जलाभिषेक तो कहीं केवल दर्शन-पूजा हुई।महानगर में विभिन्न शिवमंदिरों में कोरोना के खात्मे की कामना के साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए शिवभक्त पहुंचे। पर मंदिर बंद होने से पहले की तरह वे भोलेनाथ का दर्शन न कर सके। हमेशा की तरह इस बार हर-हर महादेव के जयकारे भी नहीं गूंजे। पत्रिका की ग्राउंड रिपोर्ट में सोमवार को महानगर के अधिकतर शिवालयों में कमोबेश यही नजारा नजर आया। पिछले साल भी सावन पर कोरोना का ग्रहण लगा था और इस साल भी वही हालात है। चाहे वो महानगर का मशहूर भूतनाथ मंदिर हो या खिदिरपुर का भू-कैलाश या अन्य। सभी मंदिरों में शिवभक्त तो पहुंचे पर मंदिर बंद होने से वे मायूस हो गए।बाबा भूतनाथ मंदिर का जायजा लेने पर सोमवार को मंदिर के गेट बंद मिले। बाहर शिवभक्तों की भीड़ थी। पिछले 35साल से मंदिर की सेवा में कार्यरत कार्यकर्ता बीकानेर निवासी पप्पू व्यास बोलबम ने पत्रिका को बताया कि 25 जुलाई से मंदिर बंद रखा गया है। इसके पीछे मूल मकसद भीड़ न जुटना है ता्िक कोविड संक्रमण में इजाफा न हो। उन्होंने कहा कि पिछले सा भी मंदिर सावन में बंद था। प्रशासन के निर्देश पर इस बार श्रद्धालुओं को बाहर से ही दर्शन-पूजा की इजाजत है। हिन्दू सत्कार समिति की ओर से महेश ठाकुर ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार के निर्देशों एवं श्रावण मास में होने वाली भक्तों की भीड़ देखते हुए रविवार एवं सोमवार को मंदिर भक्तों के लिए बंद रहेगा। 27 से 31 जुलाई तक शाम 4 से 7.30 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहेगा। —–उधर युवाओं ने ली जमकर सेल्फी उधर इन सबके बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं नजर आई। खासकर युवा वर्ग ग्रुप में तरह-तरह के सेल्फी मंदिर के बाहर लेते दिखे। प्रियंका, रूमा राउत, रश्मी प्रसाद, पिंकीदेवी स्वर्णकार समेत कई युवाओं ने कहा कि जो आनंद हर साल मंदिर के अंदर जाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक में आता था वो इस बार नहीं रहा। मन को सुकून नहीं मिला। उधर हनुमानजी लेन स्थित शिव मंदिर के बाहर दर्शन करने आये एक श्रद्धालु व्यवसायी अशोक राठी ने बताया कि पहले मंदिर में आकर भोलेनाथ को जल चढ़ाता था। कोविडके कारण अब घर पर ही पूजा कर केवल बाहर से दर्शन करने आया। वहीं बड़ाबाजार निवासी गोपेश शर्मा ने कहा कि पहले मेरे परिवार के सभी सदस्य सावन के पूरे महीने मंदिर आ कर पूजा-अर्चना करते थे।
उत्साह और आस्था में फर्क नहीं आया लेकिन पिछले साल से हम घर पर ही भोलेनाथ की पूजा करते आ रहेहैं। इसके बावजूद उत्साह और आस्था में कोई फर्क नहीं आया केवल कोरोना के कारण लोगों ने दूरी बना रखी है जो शिवकृपा से जल्द सामान्य हो जाएगी। महात्मा गांधी रोड स्थित तालाब बाड़ी महादेव मंदिर में पूजा कर बाहर निकले सुरेंद्र खन्ना ने बताया कि मंदिर खुले हैं और नियम मानते हुए अंदर जा कर पूजा करने की कोई मनाही नहीं। इसलिए यहां आ कर जलाभिषेक कर पूजा की। अन्य दर्शनार्थी भैरव मोहता ने कहा कि पूजा अर्चना में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन लोगों का मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति लापरवाही बरतना चिंताजनक है। फूल विक्रेताओं के मुरझाए चेहरे पर झलकी खुशी इसके लिए सभी को जागरूक होना चाहिए क्योंकि फिलहाल खतरा टला नहीं बरकरार है। उधर पत्रिका की पड़ताल में सोमवार को सावन के शुरू होते ही फूल विक्रेताओं के मुरझाए चेहरे पर भी खुशी झलकती नजर आई। बड़ाबाजार के कलाकार स्ट्रीट, सत्यनारायण पार्क में बैठे एक फूल विक्रेता ने बताया कि कोरोना के कारण बहुत नुकसान हुआ। अब इस साल सावन महीने से हमें काफी आस है। ————