scriptWEST BENGAL NEWS | WEST BENGAL-समाज में घृणा की जगह प्रेम का प्रसार हो: सिंह | Patrika News

WEST BENGAL-समाज में घृणा की जगह प्रेम का प्रसार हो: सिंह

locationकोलकाताPublished: Dec 27, 2021 06:49:42 am

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

हिंदी मेले के उद्घाटन समारोह में प्रेम, सद्भाव और अहिंसा का सांस्कृतिक आह्वान

WEST BENGAL-समाज में घृणा की जगह प्रेम का प्रसार हो: सिंह
WEST BENGAL-समाज में घृणा की जगह प्रेम का प्रसार हो: सिंह
BENGAL HINDI MELA-कोलकाता. समाज में घृणा की जगह प्रेम तथा भेदभाव की जगह समानता का प्रसार हो जो हिंदी मेला कर रहा है। कोलकाता में 27 वर्षों से आयोजित होने वाला हिंदी मेला युवा कलाकारों और रचनाकारों के बौद्धिक विकास का मंच है। यह मेला स्वाधीनता के 75वें साल का पालन मानवता के उत्सव के रूप में कर रहा है। राममोहन हाल के उषा गांगुली-अजहर आलम मंच पर उद्घाटन समारोह में लेखक डॉ. विजय बहादुर सिंह ने ये बातें कहीं। हिंदी मेले का आयोजन सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन प्रतिष्ठित भारतीय भाषा परिषद के साथ मिलकर कर रहा है। कोरोना काल में दिवंगत लेखकों और कलाकारों के प्रति डॉ. शुभ्रा उपाध्याय ने श्रद्धांजलि अर्पित की। हिंदी मेला में शिक्षाविद प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय को प्रो. कल्याणमल लोढ़ा शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया। कोलकाता में हिंदी नाटक की परंपरा शुरू करने वाले माधव शुक्ल के नाम पर स्थापित नाट्य सम्मान ओम पारीक को प्रदान किया गया। अभिनंदन पत्र का पाठ अनिता राय और सुशील पांडेय ने किया एवं परिचय मधु सिंह ने दिया। सोमा बंद्योपाध्याय ने कहा कि मेरा जीवन हिंदी उत्थान के लिए समर्पित है और मैं हिंदी मेले का अभिन्न अंग हूं। लोढ़ा की पुत्री सुषमा सिंघवी ने कहा कि हिंदी की वीणा में मेरा भी स्वर शामिल है।विश्वंभर नेवर ने कहा कि 27 वर्षों से जारी यह मेला इससे जुड़े संस्कृति कर्मियों की भावात्मक मजबूती का उदाहरण है। यूको बैंक के महाप्रबंधक नरेश कुमार ने कहा कि हिंदी मेला ऐसी जगह है जहां से सैकड़ों नौजवान उभरकर देश की सेवा कर रहे हैं।संचालन प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि 1 जनवरी तक हिंदी मेला भरतीय भाषा परिषद में प्रतिदिन 11 बजे शुरू होगा। मिशन के महासचिव डॉ राजेश मिश्र ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता डॉ. शंभुनाथ ने की। इस अवसर पर विशेष तौर पर उपस्थित थे रामनिवास द्विवेदी, मीरा सिन्हा, मृत्युंजय श्रीवास्तव।नाटक की अतिथि प्रस्तुतिलघु नाटक प्रतियोगिता के निर्णायक महेश जायसवाल, मंजू श्रीवास्तव और गणेश सर्राफ शामिल रहे। रंग शिल्पी की ओर से मुर्दों का गांव नाटक की अतिथि प्रस्तुति हुई। आर.बी.सी. वुमेन कॉलेज, आर.बी.सी.सांध्य कॉलेज, विद्यासागर विश्वविद्यालय, स्टडी मिशन, प्रसाद नाटक मंच, विद्यासागर हिंदी मंच, नाट्य मंजरी, बंगवासी मार्निंग कॉलेज आदि की ओर से मंचन किया गया। धनंजय प्रसाद, सपना कुमारी, जूही कर्ण, विकास जायसवाल, सुमिता गुप्ता, अनुपमा सिंह, श्रीप्रकाश गुप्ता आदि सक्रिय रहे।
Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.