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WEST BENGAL-आज मकर संक्रांति-स्नान दान कल

locationकोलकाताPublished: Jan 14, 2022 02:04:55 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

कुछ लोग आज तो कुछ कल मनाएंगें मकर संक्रांति, महामारी के दौर में भी त्यौहार का उत्साह

WEST BENGAL-आज मकर संक्रांति-स्नान दान कल

WEST BENGAL-आज मकर संक्रांति-स्नान दान कल

BENGAL NEWS-कोलकाता। राशि परिवर्तन के समय को लेकर बनी अलग अलग धारणाओं के कारण इस साल मकर संक्रांति दो दिन मनेगी। कुछ लोग शुक्रवार तो कुछ शनिवार को मनाएंगें मकर संक्रांति। महानगर में महामारी के दौर में भी त्यौहार का उत्साह दिखाा। 14 जनवरी की रात सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हुए उत्तरायण होंगे। पंचांग के अनुसार मकर मकर संक्रांति पर किये जाने वाले स्नान, दान आदि शनिवार 15 जनवरी को होंगे।पं. मनोज शाी ने गुुरुवार को कहा कि ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस साल 14 जनवरी और 15 जनवरी दोनों ही दिन पुण्यकाल और स्नान, दान का मुहूर्त बन रहा है। हालांकि, ज्यादा उत्तम तिथि 14 जनवरी ही होगी। उत्तरायण काल में संक्रांति का शुभ मुहूर्त शुकवार 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। उधर कोरोना काल में भी महानगर के लोग पारम्परिक त्योहारों का आनंद लेने में किसी भी रूप में पीछे नहीं। एक तरफ जहां बाजारों में पर्व से पहले गुरुवार को खरीददारी करने लोग उमड़े वहीं मिनी राजस्थान बड़ाबाजार में घरों में गृहणियां व्यंजन बनाने में लगी रही।कोरोनामय माहौल के बीच फैली राजस्थानी मिठाई घेवर और फिनि की खुशबू केशरिया घेवर, फिनि आदि से सज धज कर तैयार हो गए।मकर संक्रांति के नजदीक आते ही बड़ाबाजार के कलाकार स्ट्रीट, हंसपोकरिया, अफीम चौरस्ता आदि जगहों पर स्थित मिठाई दुकानों में केशरिया घेवर, दूध घेवर, फिनि, गुड़ पापड़ी, तिल पापड़ी आदि से दुकाने सजकर तैयार है। आकर्षक पैकिंग के साथ रिश्तेदारों को देने के लिए ग्राहकों को आकर्षित करने की दुकानदारों के बीच होड़ सी मच रही है। बड़ाबाजार के कलाकार स्ट्रीट में घेवर खरीदने आये अशोक मोहता ने बताया कि इस पर्व पर बहन और बेटी के ससुराल में घेवर देने की परम्परा पीढियों से चली आ रही है। दान के लिए विशेष माने जाने चौदह चीजों का दान करने का भी प्रचलन है। इस दिन लोग तिल, गुड़ के अलावा स्टील के बर्तन भी दान करने के लिए खरीदते हैं।
इनका कहना है
मकर संक्रांति का त्यौहार मिठास और ऊर्जा का प्रतीक है। क्योंकि संक्रांति का पर्व घरों में ही मनाया जाता है इसलिए कोरोना काल में भी इस त्यौहार के मनाने में कोई अड़चन नही है।——सुमन व्यास, गृहणी, बड़ाबाजार
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भले ही परदेस में हो लेकिन रीति रिवाजों का निर्वहन करने में चूक नही होती। संक्रांति पर मरुभूमि की पारम्परिक मिठाई घेवर, फिनि खाने का आनंद ही अलग होता है।—मनीषा मूंधड़ा, गृहणी, हावड़ा.
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हमारे यहां मकर संक्रांति त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। सब अपने घरों में पूजा करते हैं इस दिन सूर्य देवता का पूजन किया जाता है। इस दिन रेवड़ी, गज्जक, तिल पापड़ी , गुड खाने की और बांटने की मान्यता है।—-कनिका मोहता.
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घर पर काला तिल,सफेद तिल, घेवर, फिनी, रेवडी बनाते हैं। इस दिन घर घर पर खिचड़ी व अन्य पकवान भी बनेंगे।पीले चावल खास तौर से बनाए जाते हैं। सबसे पहले इसका भोग सूर्यदेव को उसके बाद इसे लोग आपस में बांटते हैं।—–शोभा गोयनका.
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