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WEST BENGAL-उत्साह-उमंग के साथ मनाई संक्रांति

locationकोलकाताPublished: Jan 15, 2022 12:56:45 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

बाबा भैरवनाथ मंदिर के सामने बांटी खिचड़ी

WEST BENGAL-उत्साह-उमंग के साथ मनाई संक्रांति

WEST BENGAL-उत्साह-उमंग के साथ मनाई संक्रांति

BENGAL NEWS-कोलकाता। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच शुक्रवार को महानगर में उमंग-उत्साह के साथ मकर संक्रांति मनाई गई।कोलकाता सहित हावड़ा, लिलुआ, हिंदमोटर, रिसड़ा आदि क्षेत्रों में पर्व उत्साह-उमंग के साथ मनाया गया। हालांकि तिथियों की गणना में मतभेद के कारण कई लोग शनिवार भी मकर संक्रांति मनाएंगे। शुक्रवार को सर्द मौसम के बावजूद बाजारों में रौनक रही। कलाकार स्ट्रीट, शिवतल्ला स्ट्रीट, हंसपोकरिया, मालापाड़ा आदि स्थानों में तिल, गुड़ पापड़ी, गजक, चिड़वा आदि से सजी दुकानों में अच्छी खरीददारी हुई। मालापाड़ा में दुकानदार पंकज द्विवेदी ने बताया कि उत्तर भारत में इस दिन दही-चिउड़ाखाने का प्रचलन है। त्यौहार के हिसाब से बिक्री ठीक ठाक रही।
उधर बड़ाबजार क्षेत्र में बड़तल्लास्ट्रीट स्थित बाबा भैरवनाथ मंदिर के सामने हर साल की ही तरह शुक्रवार कोखिचड़ी बांटी गई। कोविड प्रोटोकाल का पालन हुआ। कार्यकर्ता मनोहर श्रीमाली, राजकुमार देरासरी (सेरी महाराज), रतन सोनकर, दीपक सोनकर, हरिश भाई आदि सक्रिय रहे।——-
—-मौसम पर त्यौहार भारी-
शुक्रवार को सुबह से ही छाई धुंध और सर्द मौसम के बावजूद बाजारों में रौनक रही। सक्रांति की खरीददारी के लिए निकले लोगों से बाजारों में दिनभर चहल पहल देखने को मिली। कलाकार स्ट्रीट, अफीम चौरस्ता आदि जगहों पर मिठाई दुकानों में घेवर, फिनि खरीदने लोगों की भीड़ उमड़ रही थी तो शिवतल्ला स्ट्रीट, हँसपोकरिया, मालापाड़ा आदि स्थानों में तिल, गुड़ पापड़ी, गजक, चिड़वा आदि से सजी अस्थाई दुकानों में भी अच्छी खरीददारी हुई। मालापाड़ा में एक फुटपाथ पर अस्थाई दुकानदार पंकज द्विवेदी ने बताया कि उत्तर भारत में मकर संक्रांति के दिन दही चिड़वा खाने का प्रचलन है। इस दिन लोग भोजन में इसी का उपयोग करते है। त्यौहार के हिसाब से बिक्री ठीक ठाक है।
महंगाई को दिखाया ठेंगा- चार सौ से हजार रुपये तक बिका घेवर
मकर संक्रांति पर राजस्थान की पारम्परिक मिठाई के रूप में खाया जाने वाला घेवर साढ़े तीन सौ से लेकर हजार रुपये किलो तक बिका। डालडा घी में बने घेवर जहां साढ़े तीन सौ रुपये में बिका वहीं देशी घी में बने घेवर का भाव हजार रुपये किलो तक रहा।

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