WEST BENGAL TOY TRAIN-एनजेपी से दार्जिलिंग तक फिर दौड़ी ट्वॉय ट्रेन
कोलकाताPublished: Jan 22, 2022 01:34:37 pm
यूनेस्को से वल्र्ड हेरिटेज का दर्जा प्राप्त
WEST BENGAL TOY TRAIN-एनजेपी से दार्जिलिंग तक फिर दौड़ी ट्वॉय ट्रेन
BENGAL TOY TRAIN-कोलकाता। यूनेस्को से वल्र्ड हेरिटेज का दर्जा प्राप्त ट्वॉय ट्रेन एनजेपी से दार्जिलिंग तक 21जनवरी से फिर शुरू हो गई। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) के तहत चलाई जाने वाली विश्व प्रसिद्ध ट्वॉय ट्रेन सेवा तीन महीने बाद शुरू हुई। डीएचआर डायरेक्टर एके मिश्रा ने कहा कि पहले दिन दो यात्रियों को लेकर ट्वॉय ट्रेन एनजेपी से दार्जिलिंग के लिए रवाना हुई। मिश्रा ने कहा कि अक्टूबर में भारी बारिश, भूस्खलन से महानदी के पास पगलाझोरा अंतर्गत डीएचआर ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था। डीएचआर ट्रैक की मरम्मत पूरा होने बाद शुक्रवार से इस सेवा की शुरुआत की गई।ट्वॉय ट्रेन सेवा शुरू होने से कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सेवा बिना किसी बाधा जारी रहेगी। दार्जिलिंग-घूम-दार्जिलिंग ज्वॉय राइड छह सेवा नियमित चल रही है जिनमे तीन डीजल लोकोमोटिव तथा तीन स्टीम लोकोमोटिव से संचालित हो रही है। इसके अलावा सिलीगुड़ी जंक्शन-रंगटंग-सिलीगुड़ी जंक्शन तक ट्वॉय ट्रेन की स्टीम टी जंगल सफारी सेवा भी चल रही है। दार्जिलिंग से कर्सियांग व कर्सियांग से दार्जिलिंग के बीच सप्ताह में तीन दिन शनिवार और रविवार को ट्वॉय ट्रेन की हिमकन्या सेवा नवंबर में शुरू की गई थी। इस ट्वॉय ट्रेन को 1889 और 1881 के बीच ब्रिटिश काल में बनाया गया था. यह ट्रेन इतनी फेमस है कि दूर-दूर से पर्यटक इसकी सवारी करने के लिए यहां पहुंचते हैं.यह ट्रेन इतनी फेमस है कि दूर-दूर से पर्यटक इसकी सवारी करने के लिए यहां पहुंचते हैं. कहा जाता है कि दार्जिलिंग आकर जिसने इस टॉय ट्रेन की सवारी नहीं की उसने कुछ भी नहीं किया. इस टॉय ट्रेन को 1889 और 1881 के बीच ब्रिटिश काल में बनाया गया था.