स्टेशन पर दुर्वयहार स्थानीय प्रशासन के सहयोग से भारतीय समय अनुसार बुधवार सुबह वे बेसमेंट से बाहर निकली एवं किसी स्टेशन के लिए पैदल ही रवाना हो गई। उस समय बारिश हो रही थी किसी तरह वे स्टेशन पहुंची। उस समय उन्हें बताता गया कि उन्हें हंगरी ले जाया जाएगा। स्टेशन पर जब पहुंची, वहां काफी भीड़ थी। भारी भीड़ के कारण ।वे एक एक के बाद दो ट्रेनों में सवार नहीं हो सकी। स्टेशन पर यूक्रेन निवासी अन्य देश के नागरिकों को धक्का देकर हटा रहे थे और ट्रेन मे चढने नहीँ दे रहे थे। स्टेशन पर दोनो बहनो की मुलाकात हंगरी निवासी भारतीय मूल के दीनानाथ मल्लिक से हुई । मलिक के परिचित ने फोन पर दोनो बहनों के माता पिता को स्टेशन की स्थिति से अवगत कराया और ये भी बताया कि वे पैदल ही बार्डर की ओर जा रही है।
यूक्रेन की सेना ने दी शरण इससे पूर्व बुधवार रात दोनो बहनों की मां सुनंदा से बात हुई। सुनंदा ने बताया कि रात को यूक्रेन की सेना ने उन्हें एक जगह शरण दी । बाहर बमबाजी की आवाजें सुनाई दे रही थी। गुरुवार को मां का बेटियों से संपर्क नहीं हो पाया । दीनानाथ भी उनसे संपर्क नहीं कर पाया । उन्होंने कहा कि मोबाइल चार्ज नहीं होने से समस्या आ रही है। दोनों बेटियां कहां है, यह जानने की कोशिश की जा रही है।