बाहुबली से लेकर फैंटम तक
विभिन्न प्रकार के गुब्बारे और मुखौटों की भी धूम है। कपड़ा बाजार में चहल-पहल है। यहां बाहुबली से लेकर फैंटम, पावर नामक पिचकारी ग्राहकों की पसंद हैं। हालांकि अभी ग्राहकी उतनी जोरों पर नहीं चल रही पर उम्मीद है कि इस बार गत वर्ष की अपेक्षा बाजार में धन बरसेगा। पत्रिका की पड़ताल में शुक्रवार को रंग-गुलाल समेत पिचकारी के कई विक्रेताओं ने इस तरह अपनी प्रतिक्रिया जताई।आर्मेनियन स्ट्रीट स्थित ओल्ड चाइना बाजार के दुकानदार सुमीत दुबे ने पत्रिका को बताया कि फिलहाल व्यापार मंदा है। चीनी और भारतीय दोनों ही तरह की पिचकारी लोगों की पसंद है। पिछले २० साल से कारोबार चला रहे दुबे ने कहा कि कोरोना के कारण वैसे ही उन्हें काफी नुकसान हुआ। इस बार जब संक्रमण में कमी आई है तो उम्मीद है कि कुछ कमाई बेहतर होगी। एक अन्य दुकानदार राजीव मिश्रा का कहना है कि इस बार होली पर खास तरह के पिचकारियों की मांग अधिक है।इनमें छोटी भीम, जयश्री कृष्णा, डोरेमन से लेकर वाटर गन, स्पाइडरमैन मुख्य है। कम से कम 80 से लेकर 500तक की पिचकारी बिक्री के लिए उपलब्ध है।
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उधर आरक्षण टिकट उपलब्ध नहीं गांव जाना मुश्किल
होली में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को कन्फर्म टिकट न मिलने से परिवार संग गांव जाना मुश्किल हो गया है। होली में अभी लगभग 14दिन बाकी है पर अभी से ही ट्रेनों में आरक्षण टिकट उपलब्ध नहीं है। बलिया एक्सप्रेस, इलाहाबाद, चंबल सियालदाह-बलिया, पूर्वांचल, हावड़ा-राजेंद्रनगर से लेकर बाघ, नॉर्थ बिहार, गंगासागर, कोलकाता-जयनगर आदि गाडिय़ों में किसी भी क्लास में कन्फर्म टिकट नहीं है। इन सभी ट्रेनों के स्लीपर में 160-180 वेटिंग लिस्ट है। जबकि 3एसी में 35, 40, सेकंड एसी में 22, 25 और फस्र्ट एसी में नोरूम है। कई ट्रेनों में 7 से 15 वेटिंग है।पूर्व रेलवे के सीपीआरओ एकलव्य चक्रवर्ती का कहना है कि होली स्पेशल ट्रेनों की घोषणा शुक्रवार तक नहीं हुई। इसकी घोषणा होते ही सूचना दे दी जाएगी। उधरपूर्व रेलवे सियालदह डिविजन के उपभोक्ता परामर्श दात्री समिति के पूर्व सदस्य अशोक झा ने कहा कि रेलवे को हिंदी भाषी लोगों की सुविधा के तहत होली स्पेशल ट्रेन की जल्द घोषणा करनी चाहिए। ताकि वे सपिरवार गांव में होली का आनंद ले सकें।
विभिन्न प्रकार के गुब्बारे और मुखौटों की भी धूम है। कपड़ा बाजार में चहल-पहल है। यहां बाहुबली से लेकर फैंटम, पावर नामक पिचकारी ग्राहकों की पसंद हैं। हालांकि अभी ग्राहकी उतनी जोरों पर नहीं चल रही पर उम्मीद है कि इस बार गत वर्ष की अपेक्षा बाजार में धन बरसेगा। पत्रिका की पड़ताल में शुक्रवार को रंग-गुलाल समेत पिचकारी के कई विक्रेताओं ने इस तरह अपनी प्रतिक्रिया जताई।आर्मेनियन स्ट्रीट स्थित ओल्ड चाइना बाजार के दुकानदार सुमीत दुबे ने पत्रिका को बताया कि फिलहाल व्यापार मंदा है। चीनी और भारतीय दोनों ही तरह की पिचकारी लोगों की पसंद है। पिछले २० साल से कारोबार चला रहे दुबे ने कहा कि कोरोना के कारण वैसे ही उन्हें काफी नुकसान हुआ। इस बार जब संक्रमण में कमी आई है तो उम्मीद है कि कुछ कमाई बेहतर होगी। एक अन्य दुकानदार राजीव मिश्रा का कहना है कि इस बार होली पर खास तरह के पिचकारियों की मांग अधिक है।इनमें छोटी भीम, जयश्री कृष्णा, डोरेमन से लेकर वाटर गन, स्पाइडरमैन मुख्य है। कम से कम 80 से लेकर 500तक की पिचकारी बिक्री के लिए उपलब्ध है।
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उधर आरक्षण टिकट उपलब्ध नहीं गांव जाना मुश्किल
होली में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को कन्फर्म टिकट न मिलने से परिवार संग गांव जाना मुश्किल हो गया है। होली में अभी लगभग 14दिन बाकी है पर अभी से ही ट्रेनों में आरक्षण टिकट उपलब्ध नहीं है। बलिया एक्सप्रेस, इलाहाबाद, चंबल सियालदाह-बलिया, पूर्वांचल, हावड़ा-राजेंद्रनगर से लेकर बाघ, नॉर्थ बिहार, गंगासागर, कोलकाता-जयनगर आदि गाडिय़ों में किसी भी क्लास में कन्फर्म टिकट नहीं है। इन सभी ट्रेनों के स्लीपर में 160-180 वेटिंग लिस्ट है। जबकि 3एसी में 35, 40, सेकंड एसी में 22, 25 और फस्र्ट एसी में नोरूम है। कई ट्रेनों में 7 से 15 वेटिंग है।पूर्व रेलवे के सीपीआरओ एकलव्य चक्रवर्ती का कहना है कि होली स्पेशल ट्रेनों की घोषणा शुक्रवार तक नहीं हुई। इसकी घोषणा होते ही सूचना दे दी जाएगी। उधरपूर्व रेलवे सियालदह डिविजन के उपभोक्ता परामर्श दात्री समिति के पूर्व सदस्य अशोक झा ने कहा कि रेलवे को हिंदी भाषी लोगों की सुविधा के तहत होली स्पेशल ट्रेन की जल्द घोषणा करनी चाहिए। ताकि वे सपिरवार गांव में होली का आनंद ले सकें।