पैसों और भोजन की कमी
अपने सीनियर साथियों के साथ एक लोकल बस से ढाई हजार रुपये खर्च कर ढाई सौ किलोमीटर सफर करके स्लोवाकिया के निकट बार्डर तक पहुंची थी।आयुषी ने कहा कि बार्डर पहुंचने पर पैसों और भोजन की काफी कमी रही। एक भी एटीएम खुला नहीं था न इंटरनेट काम कर रहा था। पीने के लिए पानी को सभी तरस गए। यूक्रेन के बार्डर पार करने को लेकर भारी सर्दी में खुले आसमान के रात बितानी पड़ी।
अपने सीनियर साथियों के साथ एक लोकल बस से ढाई हजार रुपये खर्च कर ढाई सौ किलोमीटर सफर करके स्लोवाकिया के निकट बार्डर तक पहुंची थी।आयुषी ने कहा कि बार्डर पहुंचने पर पैसों और भोजन की काफी कमी रही। एक भी एटीएम खुला नहीं था न इंटरनेट काम कर रहा था। पीने के लिए पानी को सभी तरस गए। यूक्रेन के बार्डर पार करने को लेकर भारी सर्दी में खुले आसमान के रात बितानी पड़ी।
न छत न पानी
उस समय वहां का तापमान माइनस डिग्री सेल्सीयस था। न छत न पानी का प्रबंध, भोजन तो दूर। आयुषी ने कहा कि बार्डर पर तैनात पुलिस का व्यवहार भी सही नहीं था। इंडियन को जाने नहीं दे रहे थे। दूसरे देश से आए छात्र छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार का किया जा रहा था। बार्डर पार होकर स्लोवाकिया पहुंची। यहां पहुंचने पर थोड़ी राहत मिली। इंडियन एंबेसी की मदद से एक होटल में रखा गया। वहां दो दिन रुकने के बाद इंडियन एम्बेसी की मदद से इंडिया लाया गया। स्लोवाकिया से हवाई जहाज से दिल्ली आई। वहां से फिर कोलकाता।
उस समय वहां का तापमान माइनस डिग्री सेल्सीयस था। न छत न पानी का प्रबंध, भोजन तो दूर। आयुषी ने कहा कि बार्डर पर तैनात पुलिस का व्यवहार भी सही नहीं था। इंडियन को जाने नहीं दे रहे थे। दूसरे देश से आए छात्र छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार का किया जा रहा था। बार्डर पार होकर स्लोवाकिया पहुंची। यहां पहुंचने पर थोड़ी राहत मिली। इंडियन एंबेसी की मदद से एक होटल में रखा गया। वहां दो दिन रुकने के बाद इंडियन एम्बेसी की मदद से इंडिया लाया गया। स्लोवाकिया से हवाई जहाज से दिल्ली आई। वहां से फिर कोलकाता।