छात्रों के हाथ में तख्तियों पर लिखा था–कैंपस में परीक्षा के लिए दो महीने पर्याप्त नहींं है । पिछले तीन दिन के दरम्यान छात्रों का यह दूसरा प्रदर्शन था। छात्रों ने नारे लगाते हुए कहा–वी वांट ऑनलाइन एक्जाम। सीयू के मेन गेट के सामने छात्रों ने रोड जाम कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे यातायात खासा प्रभावित हुआ। उन्होंने करीब एक घंटे तक मेन गेट के सामने धरना दिया।
दो साल से ऑफलाइन क्लास नहीं
छात्रों ने कहा कि पिछले दो साल से कोई भी ऑफलाइन क्लास नहीं हुई । जिसके कारण उनका सिलेबस पूरा नहीं हो पाया। उन्हें ऑफलाइन मोड में परीक्षा के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यहां उल्लेखनीय है कि सीयू की उच्चाधिकार प्राप्त समितियों ने पिछले हफ्ते परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित करने की सिफारिश की थी।
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छात्रों ने कहा कि पिछले दो साल से कोई भी ऑफलाइन क्लास नहीं हुई । जिसके कारण उनका सिलेबस पूरा नहीं हो पाया। उन्हें ऑफलाइन मोड में परीक्षा के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यहां उल्लेखनीय है कि सीयू की उच्चाधिकार प्राप्त समितियों ने पिछले हफ्ते परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित करने की सिफारिश की थी।
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STUDENTS की जुबानी
कोविड- काल के कारण 2 साल में केवल डेढ़ महीने ही आफलाइन क्लास हुई। लेकिन परीक्षा पूरे सिलेबस को शामिल कर ली जाएगी। मैथ्स समेत केमिस्ट्री आदि साइंस के सब्जेक्टस के एक भी प्रैक्टिकल्स नहीं हुए। न ही हमारे सिलेबस पूरे किए गए। इन हालात में आफलाइन मोड में परीक्षा का क्या औचित्य है? यह छात्रों के भविष्य के साथ सरासर खिलवाड़ है। प्रदर्शन की पड़ताल में पत्रिका से मौके पर बी-कॉम के छात्र किशन सिंह, सोविक चटर्जी, स्नातक के सौमिक हाजरा, सौरव मंडल ने ये बात कही। इसी के साथ एम-कॉम की छात्रा दीपिका दास समेत लीना प्रज्ञाश्री दुआरी, श्रीमोई सरकार, मोईमित्रा देवनाथ आदि छात्राओं ने भी कहा कि कहा कि दो महीने से कम समय आफलाइन क्लास के बाद ऑफलाइन परीक्षा में स्टूडेंटस कैसे शामिल हो सकते? एमकॉम के छात्र किशनु ने कहा आज का विरोध छात्रों के अधिकारों के लिए है। छात्रा रिताश्री बानिक ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा में संदर्भ नोट से मदद और प्रश्नपत्र लिखने के लिए अधिक समय लेने की आजादी है ,जिससे अधिक नंबर आ सकते है।
कोविड- काल के कारण 2 साल में केवल डेढ़ महीने ही आफलाइन क्लास हुई। लेकिन परीक्षा पूरे सिलेबस को शामिल कर ली जाएगी। मैथ्स समेत केमिस्ट्री आदि साइंस के सब्जेक्टस के एक भी प्रैक्टिकल्स नहीं हुए। न ही हमारे सिलेबस पूरे किए गए। इन हालात में आफलाइन मोड में परीक्षा का क्या औचित्य है? यह छात्रों के भविष्य के साथ सरासर खिलवाड़ है। प्रदर्शन की पड़ताल में पत्रिका से मौके पर बी-कॉम के छात्र किशन सिंह, सोविक चटर्जी, स्नातक के सौमिक हाजरा, सौरव मंडल ने ये बात कही। इसी के साथ एम-कॉम की छात्रा दीपिका दास समेत लीना प्रज्ञाश्री दुआरी, श्रीमोई सरकार, मोईमित्रा देवनाथ आदि छात्राओं ने भी कहा कि कहा कि दो महीने से कम समय आफलाइन क्लास के बाद ऑफलाइन परीक्षा में स्टूडेंटस कैसे शामिल हो सकते? एमकॉम के छात्र किशनु ने कहा आज का विरोध छात्रों के अधिकारों के लिए है। छात्रा रिताश्री बानिक ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा में संदर्भ नोट से मदद और प्रश्नपत्र लिखने के लिए अधिक समय लेने की आजादी है ,जिससे अधिक नंबर आ सकते है।