आज होगी नागदेवता की पूजा
उधर उत्तर भारत में विशेष तौर पर मनाया जाने वाला नाग पंचमी पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। पण्डित राजेंद्र महर्षि ने बताया कि इस दिन नागदेवता की पूजा करने का विधान है। उन्हें दूध अर्पित किया जाता है।
उधर उत्तर भारत में विशेष तौर पर मनाया जाने वाला नाग पंचमी पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। पण्डित राजेंद्र महर्षि ने बताया कि इस दिन नागदेवता की पूजा करने का विधान है। उन्हें दूध अर्पित किया जाता है।
------------------- सलकिया हरोगंज बाजार मंदिर में भोलेनाथ की पूजा दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
हावड़ा। सलकिया के हरोगंज बाजार प्राचीन सिद्ध हनुमान मंदिर में श्रावण माह पर बाबा भोलेनाथ के भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को पूरे मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया और यहां विराजित देवाधिदेव महादेव का विशेष शृंगार किया गया। जिसके दर्शन को श्रद्धालुओं का सायंकाल से देर रात तक तांता लगा रहा। मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित दीपक मिश्रा ने बताया कि सुबह से श्रद्धालु जल, फल, फूल आदि लेकर पहुंचने लगे और पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की। शृंगार दर्शन और आरती में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए और हर हर महादेव के जयकारों से पूरा अंचल गुंजायमान होता रहा। उल्लेखनीय है कि लगभग 9 दशक प्राचीन इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है और यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु नियमित दर्शन को आते हैं।
हावड़ा। सलकिया के हरोगंज बाजार प्राचीन सिद्ध हनुमान मंदिर में श्रावण माह पर बाबा भोलेनाथ के भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को पूरे मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया और यहां विराजित देवाधिदेव महादेव का विशेष शृंगार किया गया। जिसके दर्शन को श्रद्धालुओं का सायंकाल से देर रात तक तांता लगा रहा। मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित दीपक मिश्रा ने बताया कि सुबह से श्रद्धालु जल, फल, फूल आदि लेकर पहुंचने लगे और पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की। शृंगार दर्शन और आरती में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए और हर हर महादेव के जयकारों से पूरा अंचल गुंजायमान होता रहा। उल्लेखनीय है कि लगभग 9 दशक प्राचीन इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है और यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु नियमित दर्शन को आते हैं।