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शह और मात के खेल में भारी पड़े दादा

locationकोलकाताPublished: Oct 14, 2019 05:49:33 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL NEWS: BCCI NEWS BOSS NOW SAURAV GANGULY–ऐसे निकले पटेल से आगे, केंद्रीय मंत्री ठाकुर की पहल के बाद आया नाटकीय मोड़ , बीसीसीआई के नए बॉस सौरभ ने पश्चिम बंगाल के चुनाव में भाजपा के पक्ष में प्रचार से किया इंकार

शह और मात के खेल में भारी पड़े दादा

शह और मात के खेल में भारी पड़े दादा

कोलकाता. बीसीसीआई के नए बॉस और बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे 47 वर्षीय सौरव गांगुली के अलावा बीसीसीआई अध्यक्ष पद की रेस में पूर्व क्रिकेटर बृजेश पटेल भी थे। सौरव पिछले 2 साल से बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर थी। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद भाजपा से जुडऩे की खबरों को अफवाह करार देते हुए उन्होंने पूर्व बीसीसीआई अध्यक्षों की तारीफ की। गृह मंत्री अमित शाह से शनिवार को मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल के चुनाव में क्या वे भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे? इसका जवाब दादा ने ना में दिया।
गांगुली ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। बोर्ड अध्यक्ष के लिए सौरव पहली पसंद नहीं थे। बृजेश पटेल शुरू में उनके नाम पर सहमत थे, लेकिन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की पहल से सौरव के नाम का सुझाव देने के बाद नाटकीय मोड़ आया। इससे पहले सौरव ने उपाध्यक्ष बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। बीसीसीआई की पूर्वोत्तर क्रिकेट विकास समिति के संयोजक नाबा भट्टाचार्य और अन्य सदस्यों ने ठाकुर का समर्थन किया, सौरव के अध्यक्ष बनने के महत्व पर प्रकाश डाला। अध्यक्ष बनने तक गांगुली के लिए राह आसान नहीं थीं। एक ओर अध्यक्ष पद के लिए बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के समर्थन प्राप्त पूर्व क्रिकेटर बृजेश पटेल थे, तो दूसरी तरफ गांगुली। इस शह और मात के खेल में गांगुली भारी पड़े और अंत में उनके नाम पर मुहर लगी। गांगुली अपने प्रतिस्पर्धी बृजेश पर भारी पड़े। श्रीनिवासन ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बृजेश के नाम की चर्चा की थी। गांगुली भी शाह से मुलाकात कर बीसीसीआई प्रमुख बनने को लेकर अपनी इच्छा जता दी। गांगुली को ठाकुर का भी समर्थन हासिल था जिसके कारण वे रेस में सबसे आगे निकले। गांगुली का कार्यकाल 10 महीने का होगा।
बीसीसीआई के नए बॉस सौरभ ने पत्रकारों से कहा कि वे ऐसे वक्त पद संभाल रहे हैं जब बोर्ड की छवि धूमिल है।

जगमोहन डालमिया को बताया पितातुल्य
कहा कि बतौर प्रेसीडेंट फस्र्ट क्लास क्रिकेटरों की देखभाल प्राथमिकता होगी। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को याद कर भावुक हो उठे, कहा कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं काबिज हो सकूंगा। वह मेरे लिए पितातुल्य थे। मैंने देश के लिए खेला है और उनकी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल होगी। निर्विरोध बीसीसीआई अध्यक्ष चुने जाने पर उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अपनी नई जिम्मेदारी को चुनौतीपूर्ण करार देते हुए कहा कि
यह उनके लिए बड़ा मौका है। यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है क्योंकि ऐसे समय बोर्ड की कमान संभाल रहा हूं जब उसकी छवि काफी खराब हुई है। गांगुली ने अध्यक्ष पद की होड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ दिया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18 हजार से अधिक रन बना चुके दादा ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। कोलकाता के महाराज नाम से लोकप्रिय दादा ने कहा भारत क्रिकेट की महाशक्ति है।

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