पहले पंजों के बल चलता था, आज खुद के पैर पर खड़ा
प्रियांश ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि वह ‘जुम्बा’ नामक डांस में सक्रिय भागीदारी के साथ म्यूजिक, लैपटॉप, कम्प्यूटर वगैरह-वगैरह बखूबी संभाल रहा है। उसने कहा कि आज उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं। वह आज जिम जाता है, डांस करता है और एक्सरसाइज भी। उसने कहा कि जहां वह पहले पंजों के बल चलता था वहीं
आज खुद के पैरों पर खड़ा है। आज उसका किसी भी तरह का कोई इलाज नहीं चल रहा है।
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प्रियांश ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि वह ‘जुम्बा’ नामक डांस में सक्रिय भागीदारी के साथ म्यूजिक, लैपटॉप, कम्प्यूटर वगैरह-वगैरह बखूबी संभाल रहा है। उसने कहा कि आज उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं। वह आज जिम जाता है, डांस करता है और एक्सरसाइज भी। उसने कहा कि जहां वह पहले पंजों के बल चलता था वहीं
आज खुद के पैरों पर खड़ा है। आज उसका किसी भी तरह का कोई इलाज नहीं चल रहा है।
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-पीहर अहमादाबाद, ससुराल राजस्थान
सुनीता ने बताया कि उनका पीहर अहमदाबाद है। उनके पति विजय कुमार सनई राजस्थान के कुचामन सिटी के मूल निवासी हैं। जन्म से ही कोलकाता में रह रहे विजय का आज साल्टलेक में अपना मकान है। ट्रांसपोर्ट का कारोबार है जिसमें उनका पुत्र ९० स्टॉफ की मदद से कारोबार संभाल रहा। सुनीता ने कहा कि उनकी 2 बेटियां हैं और दोनों जुड़वां, जिनकी शादी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पर बेटे की तरह कभी भी ऐसी समस्या परिवार में आजतक कभी नहीं आई।
सुनीता ने बताया कि उनका पीहर अहमदाबाद है। उनके पति विजय कुमार सनई राजस्थान के कुचामन सिटी के मूल निवासी हैं। जन्म से ही कोलकाता में रह रहे विजय का आज साल्टलेक में अपना मकान है। ट्रांसपोर्ट का कारोबार है जिसमें उनका पुत्र ९० स्टॉफ की मदद से कारोबार संभाल रहा। सुनीता ने कहा कि उनकी 2 बेटियां हैं और दोनों जुड़वां, जिनकी शादी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पर बेटे की तरह कभी भी ऐसी समस्या परिवार में आजतक कभी नहीं आई।