scriptगंगा की लहरों पर राजस्थानी चौपाल | WEST BENGAL NEWS: RAJASTHANI CHOUPAL ON BOAT IN GANGA | Patrika News

गंगा की लहरों पर राजस्थानी चौपाल

locationकोलकाताPublished: Dec 13, 2019 10:36:18 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL NEWS: RAJASTHANI CHOUPAL ON BOAT IN GANGA —-नौका विहार में जमी महफिल, ढोलक-मंजीरे-झांझ की संगत पर भजनों ने बांधा समां, गंगा मिशन का आयोजन, बंग भूमि पर साकार हुई राजस्थानी संस्कृति

गंगा की लहरों पर राजस्थानी चौपाल

गंगा की लहरों पर राजस्थानी चौपाल

कोलकाता . बड़ी संख्या में गंगा मैया के भक्तों से खचाखच भरी नौका गंगा की लहरों पर शीतल बयार के बीच हिचकोले खा रही थी, भीतर ढोलक की थाप, मजीरे और झांझ की झनकार के साथ भक्त भजनों में रमे हुए थे, गंगा मैया के जयकारे गूंज रहे थे। मौका था मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार शाम को महानगर की प्रवासी राजस्थानी सामाजिक संस्था ‘गंगा मिशन’ की ओर से रात्रिकालीन नौका पर राजस्थानी चौपाल का। शाम 6 बजे कोलकाता स्विमिंग क्लब के समीप चांदपाल घाट पर गंगा मिशन के सचिव प्रहलाद राय गोयनका के नेतृत्व में बड़ी संख्या में गंगा मैया के भक्त बोट पर सवार हुए। ये सभी बोट में ऊपर एवं नीचे सभागार में बैठ गएऔर चल पड़ा बोट अपने मिशन पर। गंगा जल की लहरों पर बोट अठखेलियां करता आगे बढऩे लगा। ऐसे सुहाने माहौल में नौका विहार के दौरान मौजूद प्रवासी राजस्थानियों ने एक से बढक़र एक आकर्षक भजनों की अमृत गंगा प्रवाहित कर समां बांध दिया। खुद प्रहलाद राय गोयनका ने भक्ति भाव से भजनों की सरिता बहा दी। तबले, मंजीरे और झांझ की झनकार पर वह समां बंधा कि बोट पर सवार भक्त भजनों में गोते लगाने लगे, झूमने लगे। इसमें काफी संख्या में महिलाओं ने भी उमंग से शिरकत की और भजनों की प्रस्तुति भी दी।
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दूर नगरी-बड़ी दूर नगरी…, कैसे आऊँ रे कन्हाई तेरी नगरी.

रात 9 बजे तक बोट गंगा की लहरों पर दूर-दूर तक सैर कराता रहा और भीतर…दूर नगरी-बड़ी दूर नगरी…, कैसे आऊँ रे कन्हाई तेरी नगरी…, तेरी मुरली की धुन सुनने मंै बरसाने से आई हूं…, बंगला अजब बण्या महाराज जां में नारायण बोले…, क्या तन मांजता रे एक दिन माटी में मिल जाना…सहित अनेक सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में निर्मला गोयनका, पूजा गोयनका, ऋचा अग्रवाल, रामविलास मोदी, शंकर कारीवाल, रेखा कारीवाल, प्रमोद केजरीवाल, कुसुम केजरीवाल, शांतीलाल श्रीमाल, विश्वनाथ मीडिया, सज्जन सिंघानिया, रमेश बुबना, ओपी कनोरिया, आरटी अग्रवाल, रमेश जाजोदिया, एसएस राजपूत, प्रेम कनोरिया,ओपी जोपत, केके गुप्ता, डीके गुप्ता, मोहनलाल अग्रवाल, आरके बुबना, विश्वनाथ केडिया आदि राजस्थानी प्रवासी मौजूद थे।