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kolkata.मालिक के खजाने से भरते रहा अपनी तीजोरी, कर्मचारी की शातिर बुद्धि से हैरान हैं पुलिसवाले भी

locationकोलकाताPublished: Aug 08, 2019 11:05:21 pm

Submitted by:

Krishna Das Parth

मालिक के खजाने से भरते रहा अपनी तीजोरी, कर्मचारी की शातिर बुद्धि से हैरान हैं पुलिसवाले भी
गिरीश पार्क में एक कंपनी से 92 लाख रुपए की धोखाधड़ी, कर्मचारी गिरफ्तार-कंपनी के बैंक खाते से करता था निजी खाते में रुपए ट्रांस्फरकोलकाता.

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महानगर में एक कंपनी का कर्मचारी एक साल से अपने मालिक के खजाने को खाली कर अपनी तीजोरी को भरते रहा, लेकिन मालिक ही नहीं कंपनी के किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामला तब पकड़ में आया जब कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट आई। तब पता चला कि कंपनी का ही एक कर्मचारी अपनी शातिर बुद्धि से यह काम करते रहा और बैंक वालों को भी संदेह नहीं हुआ। पुलिसवाले भी उसकी इस बुद्धि से हैरान हैं। शिकायत मिलने पर पुलिस ने उस कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर कंपनी के बैंक खाते से 92 लाख 95 हजार रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। उससे पूछताछ की जा रही है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि इस तरह की धोखाधड़ी का मामला कभी-कभार ही सामने आता है। शर्मा ने बताया कि 30 मई 2019 को गिरीश पार्क थाने में डेलिवरी प्राइवेट कंपनी के प्रतिनिधि रंजीत देव ने अपनी कंपनी के एजेंट शुभंकर दास पर 92 लाख 95 हजार रुपए की धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकत्र्ता के मुताबिक, जनवरी 2018 से जून 2019 तक कलेक्शन किए गए रुपए को कंपनी के बैंक खाते में जमा नहीं कर उसने उस रुपए को अपने बैंक खाते में जमा कर दिया था जिससे कंपनी के ऑडिट में उक्त रुपए का हिसाब नहीं मिल रहा था। शिकायत मिलने पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
ऐसे किया घपला

जांच में पुलिस ने पाया कि कंपनी के बैंक खाते की आखिरी चार डिजिट और आरोपी शुभंकर दास (25) के निजी बैंक खाते की संख्या के आखिरी चार डिजिट नम्बर एक समान थे। मालूम हो कि बैंक खाते में लेनदेन होने पर बैंक से मिलने वाले मैसेज इस प्रकार से आता ********०००० से आता है। एजेंट अपने बैंक खाते में रुपए जमा कराता था और कंपनी को जो मैसेज मिलता था वह आखिरी चार डिजीट को रुप में इस प्रकार से मिलता था। इस का खुलासा ऑडिट के समय हुआ। आरोपी शुभंकर दास को पुलिस ने हुगली जिले के चंडीतल्ला इलाके से उसके फ्लैट से बुधवार को गिरफ्तार किया। आरोपी के ७ बैंक खाते थे। वह कंपनी के रुपए को अपने बैंक खाते में जमा करने के बाद उस रकम को इन 7 खातों में ट्रांसफर कर देता था। पुलिस के मुताबिक, बैंक खातों में रुपए नहीं है। पुलिस अनुमान कर रही है कि आरोपी ने रुपए को प्रोपर्टी में निवेश कर दिया है।
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