भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वप्न दास गुप्ता ने गुरुवार को प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर राज्य प्रशासन पर बीरभूम जिले के देउचा पाचमी कोयला खनन परियोजना के बारे में कुछ गंभीर समस्याओं को छुपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री से सावधान रहने का आग्रह किया है।
पीएम मोदी को भेजे गए अपने दो पन्नों के पत्र में सांसद दादगुप्त ने कहा कि राज्य प्रशासन इस परियोजना की कुछ गंभीर समस्याओं को छुपाना चाहता है। इस लिए आप ममता बनर्जी के आमंत्रण पर उक्त परियोजना का उद्घाटन करने नहीं आए और अगर आना चाहे तो इसके बारे में पूरी तरह से जांच-पड़ताल करवा लें।
भाजपा सांसद ने अपने पत्र में पीएम मोदी को अगाह करते हुए उक्त कोयला खनन परियोजना की गंभीर समस्याओं का जिक्र भी किया है। उन्होंने लिखा है कि अगर दुर्गा पूजा बाद पीएम मोदी उक्त परियोजना का उद्घाटन करेंगे तो लोगों में इसका बहुत खराब संदेश जाएगा, क्योंकि इस परियोजना की परिकल्पना प्राथमिक स्तर पर है।
स्वप्न दासगुप्ता ने लिखा है कि कोलयाल खनन से इलाके पर्यावरण को कितना नुकासन होगा, इसकी परीक्षा-निरीक्षा नहीं की गई है और न ही इसका सामाज पर पडऩे वाले प्रभाव की समीक्षा की गई है। यही ही नहीं अभी तक पर्यावरण संबंधित अनुमति भी नहीं ली गई है। इससे बड़ी समस्या यह है कि राज्य सरकार की ओर से कोयला खनन परियोजना के लिए चयन किए गए इलाके आदिवासी क्षेत्र है।
पत्र में दासगुप्ता ने प्रधानमंत्री को कोयला खनन परियोजना शुरू होने पर आदिवासियों को होने वाली समस्याओं के बारे में भी बताया है। उन्होंने बताया है कि कोयला परियजना शुरू होने की खबर सुन कर स्थानीय आदिवासी लोग आपत्ति जाहिर कर रहे हैं। राज्य सरकार ने परियोजना क्षेत्र के निवासियों के पुनर्वास करने की घोषणा की है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक आदिवासियों के पुनर्वास की कोई परिकल्पना नहीं की गई है और न ही नीति निर्धारण किया गया है। राज्य सरकार ने इस बात को स्वीकार भी कर लिया है।
आदिवासी क्षेत्र पर भू-माफियों की नजर
स्वप्न दासगुप्ता ने लिखा है कि बीरभूम जिले में पहले से राजनीतिक हिंसा की घटनाएं बढ़ गई है, जिनके पीछे भू-माफियाओं के सक्रिय होने का संदह जताया जा रहा है। इलाके में सक्रिय भू-माफियाओं की नजर आदिवासियों की जमीन पर है। इस लिए अगर प्रधानमंत्री उक्त परियोजना का उद्घाटन करने आते हैं तो लोगों में गलत संदेश जाएगा।