भाजपा बोली बंगाल में रोहिंग्या बनाए जा रहे मतदाता, तृणमूल बोली यह तो चुनाव आयोग पर आरोप है
पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने चुनाव आयोग से कहा है कि प्रदेश के सीमांत इलाके में रोहिंग्याओं के नाम मतदाता सूची में डाले गए हैं। भाजपा ने आयोग से मामले की जांच करने को कहा है।

कोलकाता
पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंची चुनाव आयोग की फुल बेंच से मिले भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में आसन्न विधानसभा चुनाव केन्द्रीय बलों की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। साथ ही पार्टी के प्रतिनिधियों ने आयोग से शिकायत की है कि उन्हें इस बात की जानकारी प्राप्त हुई है कि पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में रोहिंग्या घुसपैठियों कों मतदाता सूची में स्थान दिया जा रहा है। भाजपा के आरोपों पर सवाल उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा ऐसे आरोप राजनीतिक मंच पर लगा रही है। उसे समझना होगा कि मतदाता सूची निर्माण का काम आयोग ही करता है, इसलिए उसके आरोप आयोग पर हैं।
राज्य में आने वाले अप्रैल-मई में चुनाव प्रस्तावित हैं। जिनकी तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ आयोग की फुल बेंच दो दिवसीय बंगल के दौरे पर है। बेंच ने राज्य के सभी राजनीतिक दलों से भी मुलाकात की है।
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रोहिंग्याओं को लेकर आरोप
आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद भाजपा प्रतिनिधियों ने कहा कि चुनाव आयोग राज्य में बिना डर के मतदान का माहौल सुनिश्चित करे। बंगाल का चुनाव केंद्रीय बलों की निगरानी में हो और बलों की तैनाती जल्द की जाए। भाजपा को इस बात की पक्की खबर है कि राज्य के सीमांत इलाकों में रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में शामिल हुए हैं। पार्टी इसकी जांच की मांग करती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पार्टी ने प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करने का माहौल तय करने का आयोग से मांग की है।
वहीं भाजपा के आरोपों पर राज्य के मंत्री और तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि मतदाता सूची के निर्माण का काम तो चुनाव आयोग का है। इसलिए भाजपा आयोग की बैठक की जगह राजनीतिक मंच से इस तरह के आरोप लगा रही है।
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माकपा बोली मतदान कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें
आयोग की सर्वदलीय बैठक में उपस्थित माकपा प्रतिनिधि रॉबिन देव ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से मतदान कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, मतदाता सूची से हटाए गए उपयुक्त मतदाताओं के नाम जोडऩे की मांग की है। इसके साथ ही चुनाव के दौरान केन्द्रीय पर्यवेक्षकों के सक्रिय रहने की मांग की है। देव ने कहा कि चुनाव के समय केन्द्रीय पर्यवेक्षकों से संपर्क नहीं हो पाता है। शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होती है।
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