ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल से शुभेंदु अधिकारी ने दिया इस्तीफा
कोलकाता पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को सेकेंड इन कमांड बनाए जाने से नाराज चल रहे परिवहन मंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी ने अब मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले उन्होंने हुगली रिवर ब्रिज कमीशन के चेयरमैन पद से गत बुधवार को इस्तीफा दिया था जिसे राज्य सरकार ने तत्काल स्वीकार कर लिया था। अब उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात लिखी है। इसके अलावा शुभेंदु अधिकारी ने अपनी जेड प्लस की सुरक्षा, पायलट कार और एस्कॉर्ट भी छोड़ने की जानकारी दी है। ममता बनर्जी को लिखी अपनी चिट्ठी में शुभेंदु अधिकारी ने लिखा है कि राज्य के लोगों की सेवा का मौका देने के लिए आपको धन्यवाद। पिछले कई दिनों से तृणमूल कांग्रेस और शुभेंदु अधिकारी के बीच कोल्ड वार चल रहा था। पूर्व मेदिनीपुर के अपने क्षेत्र में शुभेंदु अधिकारी लगातार जनसभाएं कर रहे थे, लेकिन ममता बनर्जी का बैनर पोस्टर का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे और ना ही किसी भी सभा से वह सीएम का नाम ले रहे थे। उनके समर्थकों ने भी “हम लोग दादा के समर्थक हैं” नाम से बैनर पोस्टर लगाना शुरू कर दिया था। उसके बाद उन्हें मनाने के लिए राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भेजा गया था लेकिन शुभेंदु ने उनसे मुलाकात नहीं की थी। उसके बाद यह और स्पष्ट हो चला था कि तृणमूल कांग्रेस से उनकी नाराजगी जल्द खत्म होने वाली नहीं है। वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने भी शुभेंदु से बात कर उन्हें पार्टी में बनाए रखने की कोशिश की थी, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ था। सूत्रों ने बताया है कि ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को वरिष्ठ नेताओं की तुलना में अधिक अहमियत देना शुरू कर दिया है और अपनी पार्टी में उन्हें अपने उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित करना शुरू किया था जिससे शुभेंदु अधिकारी नाराज थे। अब शुभेन्दु अधिकारी जब वह मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं तो यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही ममता बनर्जी का साथ छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि इस बारे में स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है। खास बात यह है कि शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के बाद बंगाल के पहले ऐसे नेता हैं जिनका जनाधार सबसे बड़ा है। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले जब अमित शाह बंगाल में भाजपा को 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य दे चुके हैं तब शुभेंदु का तृणमूल से अलग होना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पार्टी न केवल जिले में बड़ा जनाधार खोएगी, बल्कि शुभेंदु जैसे बड़े कद के नेता के जाने की वजह से पूरे राज्य पर इसका व्यापक असर होगा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुभेंदु अधिकारी की नाराजगी को लेकर उनके समर्थकों ने कोलकाता से उत्तर बंगाल तक बैनर पोस्टर लगा दिए थे। यहां तक कि मुख्यमंत्री के आवास वाले क्षेत्रों में भी पोस्टर लगाए गए थे जिसे लेकर दो दिन पहले ही ममता को खुद सफाई देते हुए कहना पड़ा था कि पार्टी की पूरी कमान उनके हाथ में है। लेकिन अब जब शुभेंदु ने मंत्री पद छोड़ दिया है तो साफ है कि रिश्तो पर जमी बर्फ पिघली नहीं है।
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