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WEST BENGAL-सिंदूर खेला के बाद मां दुर्गा की विदाई

locationकोलकाताPublished: Oct 17, 2021 05:37:37 am

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

बंगाल में प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ पांच दिन का दुर्गा पूजा उत्सव संपन्न, 3000 दुर्गा मूर्तियां 18 के बीच होंगी विसर्जित

WEST BENGAL-सिंदूर खेला के बाद मां दुर्गा की विदाई

WEST BENGAL-सिंदूर खेला के बाद मां दुर्गा की विदाई

BENGAL SINDOOR-KHELA-कोलकाता। महानगर समेत प्रदेश भर में शुक्रवार को प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ पांच दिनों का दुर्गा पूजा महोत्सव संपन्न हो गया। दुर्गा पूजा के आखिरी दिन विजयादशमी पर महिलाओं ने सिंदूर खेला उत्सव में भाग लिया। दिन में महिलाएं पारंपरिक सिंदूर खेला में शामिल हुई और एक दूसरे को सिंदूर लगाया। मां दुर्गा की विदाई से पहले उन्हें मिठाई का भोग लगाया। हालांकि कोलकाता में कुछ प्रतिमाओं का विसर्जन अभी भी शेष है। राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी निर्देश अनुसार कोलकाता की 3000 दुर्गा मूर्तियों को शुक्रवार से 18 अक्टूबर के बीच 24 घाटों में विसर्जित किया जाना है। इनमें मुख्य रूप से बाबूघाट, सरबामोंगला और अहिरीटोला स्थित घाट हैं। कोविड-19 नियमों के मद्देनजर लोगों की संख्या सीमित किए जाने से नदियों के किनारे प्रतिमा विसर्जन के लिए कम भीड़ दिखी। विसर्जन के दौरान प्रदूषण को रोकने के लिए भी नगर निकाय ने उपाय किए हैं। राज्य के विभिन्न स्थानों पर दुर्गा पंडाल से प्रतिमा विसर्जन के लिए रंगबिरंगी जुलूस के शक्ल में निकली। इस दौरान पुलिस किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मुस्तैद रही। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी जगह शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई। घाटों की निगरानी के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है। विसर्जन के लिए कई स्थानों पर अस्थायी जलाशय बनाए गए हैं। नदी में प्रदूषण रोकने के लिए क्रेन भी लगाए गए है। जो प्रतिमा विसर्जन के बाद उन्हें नदी से बाहर निकालते हैं।
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सिंदूर खेला उत्सव
दुर्गा पूजा के आखिरी दिन कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न जिलों में पूजा कमेटी की महिला सदस्यों ने घट विसर्जन के बाद दुर्गा पूजा के अंतिम दिन को चिह्नित करने के लिए सिंदूर खेला में हिस्सा लिया। बंगाल में विजयादशमी के दिन सिंदूर खेला की परंपरा है और महिलाएं इसमें बढ़-चढक़र हिस्सा लेती हैं।….
उधर डॉक्टरों ने जताई आशंका
उधर डॉक्टरों ने दुर्गा पूजा के दौरान कोविड नियमों के उल्लंघन पर गंभीर दूरगामी परिणाम की आशंका जताई है। डॉक्टरों के संयुक्त मंच पश्चिम बंगाल (एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स, वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम, वर्किंग हेल्थ इनिशिएटिव, डॉक्टर्स फॉर डेमोक्रेसी, हेल्थ सर्विस एसोसिएशन) ने एक जागरूकता संदेश जारी किया है। संगठन की तरफ से डॉ. पुण्यव्रत गुन व डॉ. मानस गुमटा ने कहा कि 4 अक्टूबर से पहले लोगों से सार्वजनिक समारोहों से परहेज करने की अपील की थी। डॉक्टरों ने सरकार से बार-बार कोविड पर पाबंदियों में ढील नहीं देने की अपील की थी। ढील देने से संक्रमण बढऩे का डर था। संगठन ने कहा कि पूजा में कोविड प्रोटोकॉल नहीं माना गया। अब कम से कम विसर्जन में नियमों का पालन किया जाए। डॉ. गुन ने कहा कि कोरोना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त निकाय की पूर्ण मान्यता के साथ अब कोविड परीक्षणों की संख्या बढ़ानी चाहिए। कोविड परीक्षणों की संख्या में कमी के बावजूद संक्रमण की आनुपातिक दर में खतरनाक वृद्धि ने पहले ही हमारे डर की पुष्टि कर दी है।

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