West Bengal SSC Mega scam क्या ममता बनर्जी तक पहुंचेगी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच
कोलकाताPublished: May 18, 2022 02:10:55 pm
कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले, गु्रप डी भर्ती घोटाले West Bengal SSC Mega scam की जांच सीबीआइ से कराने के सिंगल बैंच के फैसले को बहाल रखा है। जिसके बाद इस मामले से जुड़े अधिवक्ता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक मामले की आंच पहुंचने की बात कह रहे हैं।
West Bengal SSC Mega scam क्या ममता बनर्जी तक पहुंचेगी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) में हुए महाघोटाले की जांच सीबीआइ ही करेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच ने बुधवार को बहाल रखा है। जिसके बाद इस महाघोटाले के मामले से जुड़े अधिवक्ताओं ने जांच की आंच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचने की बात कही है।
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मंत्री, केबिनेट, मुख्यमंत्री भी आएंगे जांच के दायरे में
वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि डिवीजन बेंच ने महाघोटाले की जांच के लिए गठित जस्टिस बाग कमेटी की रिपोर्ट को मान्यता दी है। सिंगल बेंच के इस मामले में पूर्व में दिए गए आदेशों को बहाल रखा है। राज्य सरकार, एसएससी व शिक्षा विभाग की दलीलों को खारिज किया है। इसलिए अब इस अभूतपूर्व घोटाले में शामिल लोगों को बेनकाब करना आसान होगा। मुख्यमंत्री व उनकी केबिनेट भी भ्रष्टाचार के इस मामले में जांच के दायरे से बाहर नहीं होगी।
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पैसों का लेनदेन, प्रभाव का इस्तेमाल सबकी होगी जांच
डिवीजन बैंच के आदेशानुसार अब महाघोटाले में हुई नियुक्तियों में सीबीआइ पैसों का लेनदेन से लेकर प्रभावशाली लोगों की भूमिका की जांच भी कर पाएगी। जांच के दायरे में पहले से आ चुके पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी को भी अब जांच एजेंसी की पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है।
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सिंगल बेंच ने की थी सीबाआइ जांच की सिफारिश
न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने इस महाघोटाले से जुड़े मामलों की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। जिसके बाद सीबीआइ ने दो एफआईआर दायर की थीं। जिसपर पूर्व में डिवीजन बेंच ने अंतरिम रोक लगाते हुए मामले की जांच के लिए जस्टिस बाग कमेटी गठित की थी।
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न मेरिट लिस्ट में नाम, न इंटरव्यू इसलिए पकड़ में आया था घोटाला
एसएससी के इस महाघोटाले के मामले की सुनवाई के दौरान भ्रष्टाचार की नींव पर दी गईं नियुक्तियां का काला सच सामने आया था। जस्टिस बाग कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि २२२ लोगों के नाम तो मेरिट लिस्ट में ही नहीं थे। लेकिन उन्हें नौकरी दे दी गई। कमेटी ने एसएससी के ११ बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंषा की थी।
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हाय रे घोटाला जिस पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी उसी पर भ्रष्टाचार का आरोप
तत्कालीन शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी की अनुमति से गठित जिस कमेटी पर नियुक्तियों में पारदर्शिता रखने की जिम्मेदारी थी उस कमेटी को जस्टिस बाग कमेटी अवैध बता चुकी है। कमेटी के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंषा भी की गई है।